रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज तीजा के अवसर पर प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को बड़ी सौगात दी. मुख्यमंत्री निवास में आयोजित तीजा-पोरा महतारी वंदन तिहार के मौके पर, उन्होंने महतारी वंदन योजना की सातवीं किस्त के रूप में प्रत्येक महिला के खाते में 1,000 रुपये की राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से अंतरित की. इस घोषणा के साथ ही महिलाओं के चेहरे खुशी से खिल उठे और उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया. इस दौरान सीएम विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री आवास से सुपोषण रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.
महतारी वंदन योजना को लेकर सरकार का उद्देश्य
महतारी वंदन योजना का उद्देश्य महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ावा देना, उनके स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार करना और परिवार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सुदृढ़ करना है. इस योजना के तहत राज्य की विवाहित, विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाएं, जिनकी उम्र 21 वर्ष से अधिक है, को प्रति माह 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च 2024 को इस योजना की शुरुआत की थी और बटन दबाकर पहले किश्त की राशि जारी की थी. योजना के पहले चरण में करीब 70 लाख से अधिक महिलाओं को लाभार्थी के रूप में चुना गया है. इन महिलाओं के बैंक खातों में अब तक कुल सात किश्तों की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है.
मुख्यमंत्री की इस पहल से प्रदेश की महिलाओं में खुशी का माहौल है और उन्हें आर्थिक सहायता प्राप्त करने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा का अहसास भी हो रहा है.
सुपोषण रथ को दिखाई हरी झंडी
इसके अलावा आज तीजा पोरा तिहार के अवसर पर सीएम साय ने महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित पोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह सुपोषण रथ राज्य के विभिन्न गांवों में भ्रमण कर लोगों को पोषण का संदेश देगा. इस रथ में सुपोषण पर केंद्रित फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा. सुपोषण रथ के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलो में पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी ऑडियो, वीडियो संदेशों का प्रसारण किया जाएगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि स्वस्थ और सुपोषित छत्तीसगढ़ की अवधारणा को साकार करने के लिये हम कृत संकल्पित है. कुपोषण एवं एनीमिया जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिये छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गंभीर प्रयास किये जा रहें है. 52 हजार से अधिक आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, शिशुवती महिलाओं, 0 से 06 साल के बच्चें किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य पोषण संबंधी सेवाओं का प्रदाय किया जा रहा है. सुपोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये समुदाय, परिवार एवं व्यक्यिगत स्तर से सकरात्मक व्यवहार परिवर्तन भी बहुत आवश्यक है.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनसमुदाय तक स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता संबंधी संदेशों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु 01 सितम्बर से 30 सितम्बर 2024 तक पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है, ताकि एक जन आंदोलन के रूप में सुपोषण की यात्रा में समुदाय के विभिन्न घटक सहभागी हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण माह के दौरान इस वर्ष एनीमिया वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदाय हेतु तकनीक का प्रयोग और समग्र पोषण पर ध्यान केंदित किया जा रहा है.
कुपोषण और एनिमिया मुक्त बनाने का दिलाया संकल्प
मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश के जनप्रतिनिधि, पंचायती राज संस्था की प्रतिनिधि, महिला स्व-सहायता समूहों, प्रबुद्ध वर्ग, विद्यार्थी वर्ग, सर्वाजनिक एवं निजी क्षेत्रों के निकायों के प्रतिनिधियों एवं समस्त जनसमुदाय से आह्वान किया है कि पोषण माह की गतिविधियों में पूरे उत्सह और ऊर्जा के साथ सहभागी बने. छतीसगढ़ को कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त करने का संकल्प लेते हुए स्वयं भी सही पोषण व्यवहार को अपनाये और अन्य लोगों को भी प्रेरित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के सम्मिलित प्रयासों से मजबूत छत्तीसगढ़ की नींव रखी जायेगी, हमारे प्रदेश का भविष्य संवरेगा और सुपोषित होगा.
उपस्थित अतिथि
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, किरण देव , विधायक राजेश मूणत, अनुज शर्मा, खुशवंत साहेब, सचिव महिला एवं बाल विकास शम्मी आबिदी, संचालक तूलिका प्रजापति और बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं महिलाएं उपस्थित थी.