रायपुर: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में निलंबित IAS अधिकारी अनिल टूटेजा की मुश्किलें बढ़ं गई हैं. विशेष कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ईओडब्ल्यू के पक्ष में फैसला लेते हुए न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है.
बता दें, विशेष न्यायालय में अनिल टूटेजा की ओर से दायर की गई जमानत याचिका में दावा किया गया था कि वे निर्दोष हैं और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है. याचिका में यह भी कहा गया कि जमानत मिलने पर वे फरार नहीं होंगे. टूटेजा के वकीलों ने अदालत में यह भी उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश में इसी आधार पर दर्ज की गई FIR को कोर्ट ने स्थगित कर दिया था और ‘नो कार्सिव स्टेप्स’ का आदेश दिया था, इसलिए अनिल टूटेजा को भी जमानत मिलनी चाहिए.
वहीं, ईओडब्ल्यू की ओर से कोर्ट में पेश हुए डॉ. सौरभ कुमार पांडेय और उप संचालक अभियोजन मिथलेश वर्मा ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है. उन्होंने तर्क किया कि अनिल टूटेजा इस घोटाले के मुख्य आरोपी हैं और जमानत मिलने पर जांच प्रभावित हो सकती है. विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अनिल टूटेजा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. टूटेजा अब न्यायिक रिमांड पर जेल में रहेंगे.