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219 करोड़ का राशन घोटाला

संचालनालय के अधिकारी के खिलाफ हुआ मैदानी अमला
सामूहिक अवकाश, धरना प्रदर्शन और अनिश्चित कालीन हड़ताल 219 करोड़ रु के राशन बचत घोटाले के जांच में गठित समिति एक्शन मोड में आ गई है। अब तक 55बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है। 2021और 2022के साल में पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय से एक आई ए एस अधिकारी अनिल टुटेजा और राज्य सेवा स्तर की अधिकारी सौम्या चौरसिया (दोनो जेल में है) के निर्देश पर राशन दुकानों को टारगेट कर 600करोड़ रुपए चांवल ,शक्कर,चना,गुड,को ऊंचे दाम में खुले बाजार में बिकवाकर जमकर घोटाला किया गया है।

बताया जाता है कि नान घोटाले का आरोपी एक आई ए एस अफसर अनिल टुटेजा के भाई के बिलासपुर स्थित घर पर भी ईडी ने छापेमारी की थी। ये भाई कोचिंग संस्था चलाता है। बिलासपुर के सूत्रों के अनुसार घोटाले का मास्टर माइंड खाद्य विभाग का अपर संचालक भी इसी कोचिंग से जुड़ा है। इसे घोटाले का सूत्राधार बनाया गया। 2021और 2022के सालो में खाद्य संचालनालय में ऐसे संचालकों की पदस्थापना करवाई गई जो केवल रबर स्टैंप थे। इस अवधि में राशन दुकानों में लाखो टन चांवल शक्कर,चना, गुड स्टॉक में होने के बावजूद नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए कोटा जारी कर कालाबाजारी करवाई गई। इस खेल में नान के पूर्व अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, नाम के एम डी निरंजन दास, मनोज सोनी भी शामिल थे।

घोटाले का पर्दाफाश 2023के बजट सत्र में हुआ था तब पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आश्वाशन देने के बाद भी सदन में जानकारी नहीं दिया था।सरकार बदलने के 2024में बजट सत्र में एक बार फिर हंगामा हुआ।विधान सभा अध्यक्ष की आसंदी से घोटाले की जांच विधायको की समिति से कराए जाने की घोषणा के बाद खाद्य संचालनालय के अधिकारियों को सांप सूंघ गया।

अब घोटाले की जांच शुरू हो गई है। खाद्य संचालनालय के अपर संचालक घोटाले को छुपाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है। सबसे पहले तेरह हजार राशन दुकान के घोषणा पत्र पोर्टल से गायब करा दिया गया। जब पोर्टल से घोषणा पत्र गायब किया गया तब 600करोड़ रुपए का राशन घोटाला था। इस घोटाले को दबाने के लिए नियम के विरुद्ध राशन दुकानों को कारण बताओं नोटिस दिए, प्रकरण की सुनवाई किए बगैर, आदेश के पहले ही एस डी एम, तहसीलदार से राजस्व वसूली का आदेश जारी कर राशि को वसूल मान ली गई है। इसके अलावा राशन दुकान दारो के कमीशन की राशि बिना जानकारी के काट दी गई है। सबसे बड़ा घोटाला तो अपर संचालक ने ये किया है कि खाद्य अधिकारियों को जूम कांफ्रेंस में बाजार से चांवल खरीद कर रखवाने का निर्देश भी दिया गया।

इसकी पुष्टि के लिए खाद्य विभाग के एन आई सी से खाद्य अधिकारी के माड्यूल में बकायदा सिस्टम बनाकर खाद्य निरीक्षकों से भरवाया भी गया है। बाजार से जो चांवल खरीद कर रखवाया गया है उसके बारे में ये भी जानकारी मांगी गई है कि बाजार से खरीदा गया चांवल फोर्टिफाइड चांवल है या सामान्य चांवल है। खाद्य विभाग एक खाद्य निरीक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राशन दुकान में केवल नागरिक आपूर्ति निगम ही चांवल भंडारण कर सकता है ।राशन दुकान दार को किसी भी अन्य जगह से चांवल लाने का अधिकार नहीं है। ये सब अपर संचालक के निर्देश पर हुआ है।अगर विधान सभा जांच समिति विभाग के मैदानी अमले से जानकारी मांगेगी तो छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016के नियम की प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा गुणवत्ता वाला चावल देने का नियम है।

खाद्य विभाग से जुड़े संघ के पदाधिकारियों का मानना है कि राशन दुकानों से 219करोड़ रु के चांवल आदि का घोटाला व्यपर्तन की श्रेणी का है जिसमे जिम्मेदार व्यक्ति को सात साल की सजा का प्रावधान है. घोटाले को लेकर विभाग में दो फाड़ की स्थिति हो गई है। मैदानी अमला बगावत के राह पर है। 1अक्टूबर 2024को सामूहिक अवकाश की घोषणा हो गई है।आज धरना, प्रदर्शन ,अनिश्चित कालीन हड़ताल की भी योजना है

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