कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया, जिसके बाद आज भी इस मामले की फिर से सुनवाई हुई. इस याचिका पर CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और तस्वीर हटाने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़ित की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. वकील ने कोर्ट में कहा कि नाम और तस्वीर हटाने से विकिपीडिया ने इनकार कर दिया है. CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि हम विकीपीडिया को आगाह करते हैं कि वह पीड़िता की तस्वीर और नाम हटा ले.
पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि इस सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग रोक देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार का पक्ष रखने वाले वकीलों को सोशल मीडिया पर रेप और एसिड अटैक तक की धमकी दी जा रही है.
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि यह जनहित का मुद्दा है और इसलिए लाइव स्ट्रीमिंग बंद नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा विक्टिम की तस्वीरें सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से हटाई जाएं. 17 सितंबर तक जांच की नई स्टेटस रिपोर्ट CBI कोर्ट में पेश करे.
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को दी चेतावनी
बेंच ने कहा कि डॉक्टर हड़ताल खत्म कर बुधवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटें नहीं तो उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा. इसके अलावा कोर्ट ने CISF को रहने की जगह मुहैया करवाने का भी निर्देश दिया है. बेच ने 9 सितंबर को सुनवाई के दौरान ही सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से पीड़िता की पहचान हटाने के निर्देश दिए थे. CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि जांच पूरी होने में अभी वक्त लगेगा. CBI को पर्याप्त समय मिलना चाहिए.