प्योर नस्ल का केवल एक छोटू नामक उम्रदराज वनभैंसा, जू अथारिटी का आपत्ति
उदंती वनभैंसा रेसक्यू सेंटर से एक साथ थोक में 18 वनभैंसों के बाड़ा तोड़कर भागने की घटना सामने आई है। वनभैंसों के भागने की वजह चारे की कमी बताई जा रही है। उदंती में प्योर नस्ल का केवल एक छोटू नामक उम्रदराज वनभैंसा है। इसके साथ ही बाड़े में रह रहे अन्य वनभैंसा हाईब्रिड हैं। गौरतलब है कि वन अफसर वनभैंसा सेंटर में आठ प्योर नस्ल के होने का दावा कर रहे थे। वनभैंसों के हाईब्रिड होने का खुलासा एक वन अफसर के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को पत्र लिखे जाने के बाद हुआ।
गौरतलब है कि जू अथारिटी ने बाड़े में रह रहे हाईब्रिड वनभैंसा को लेकर आपत्ति की थी। इसके बाद वनभैंसा रेसक्यू सेंटर में रह रहे इन वनभैंसों को 10 अगस्त से फूड सप्लीमेंट जिसमें दलिया मक्का, विटामिन देना बंद किया गया। फूड सप्लीमेंट बंद करने के 21 दिन बाद उदंती के डिप्टी डायरेक्टर ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को पत्र लिखकर बाड़े में रह रहे हाईब्रिड वनभैंसा को उनके प्राकृतिक रहवास में छोड़े जाने का अनुरोध किया। पत्र लिखने के कुछ दिन बाद ही किस्तों में हाईब्रिड वनभैंसा बाड़ा तोड़कर भागने लगे।
जू अथारिटी ने आपत्ति व्यक्त की
गौरतलब है कि असम से लाए गए पांच मादा वनभैंसों का उदंती वनभैंसा रेस्क्यू सेंटर में रह रहे सात नर वनभैंसों से ब्रीडिंग कराने वन अफसरों ने प्लान तैयार कर जू अथारिटी के पास भेजा। साथ ही जिन वनभैंसों के साथ क्रास कराना था, उनके नाम भी भेजे। वन अफसरों द्वारा भेजे गए प्लान पर जू अथारिटी ने कहा कि रेस्क्यू सेंटर में रह रहा छोटू नामक वनभैंसा ही प्योर नस्ल का है, बाकी सब हाईब्रिड हैं। इस वजह से असम से लाए गए वनभैंसों से इनकी ब्रीडींग कराने अनुमति देने से इनकार कर दिया।
तीन लॉट में भागे वनभैंसा
वनभैंसा रेस्क्यू सेंटर से वनभैंसा तीन अलग-अलग ग्रुप में भागे हैं। पहला ग्रुप फूड सप्लीमेंट बंद करने के 23 दिन बाद तीन सिंतबर को भागे हैं। इसके बाद 24 सितंबर को तथा 17 अक्टूबर को हाईब्रिड वनभैंसे बाड़ा तोड़कर भागे हैं। वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी के मुताबिक रेस्क्यू सेंटर में हाईब्रिड वनभैंसा रंभा तथा मेनका नामक मादा वनभैंसे की संतान हैं। दोनों कथित मादा वनभैंसों को वन अफसर किसानों के यहां से जबरदस्ती लाए थे।
वृद्ध, बीमार वनभैंसा बाड़े में रह रहे
बाड़े में प्योर नस्ल के वनभैंसा के अलावा दो हाईब्रिड वनभैंसा रह रहे हैं। उनमें छोटू की उम्र 23 वर्ष है, जो अपनी जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर है। इसके साथ ही छोटू का एक वीरा नामक वनभैंसा से लड़ाई में आंख में गंभीर चोटें आई थी, जिसकी वजह से उसकी आंख की रोशनी चली गई है। इसके साथ ही आंख से अंधा प्रिंस तथा आनंद नामक हाईब्रिड वनभैंसा रेस्क्यू सेंटर में रह रहे हैं। वीरा के साथ लड़ाई में आनंद की सींग टूट गई है और वह बीमार है। आनंद का चिकित्सकों द्वारा सही तरीके से इलाज नहीं करने के आरोप लग रहे हैं