बांग्लादेश में जारी हिंदुओं पर हिंसा के बीच दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ दिल्ली प्रशासन ने एक्शन तेज कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 बांग्लादेशी मुस्लिम नागरिकों की पहचान की है। ये लोग आउटर दिल्ली में रह रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि ये सभी बिना किसी लीगल डॉक्यूमेंट के यहां रह रहे थे।
बता दें कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुस्लिम लगातार हिंदुओं के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं। हिंदुओं के घरों और उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं। वहीं बंग्लादेश की कट्टरपंथी सरकार भारत के खिलाफ लगातार अनर्गल बयान दे रही है। इसे लेकर भारतीयों में गुस्सा है। भारतीय नागरिक मोदी सरकार से बंग्लादेश की सरकार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रही है।
इसी कड़ी में दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का पता लगाने के लिए गहन तलाशी और जानकारी एकत्र करने के लिए डिस्ट्रिक्ट फॉरेन सेल, स्पेशल यूनिट्स और पुलिस की टीमें गठित की गईं है। दिल्ली पुलिस ने ऐसे लोगों की पहचान करने, हिरासत में लेने के प्रयास तेज कर दिए हैं। पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान घर-घर जाकर जांच की। जांच में 175 लोग संदिग्ध पाए गए, उनसे गहन पूछताछ की गई है और उनके डॉक्यूमेंट्स की भी सावधानीपूर्वक जांच और वेरिफिकेशन किया जा रहा है। उनकी पहचान प्रमाणित करने के लिए टीमों को उनके मूल स्थानों पर भेजा गया है।
पुलिस ने बताया कि इस तरह की सघन जांच जारी रहेगी. संदिग्धों के डॉक्यूमेंट्स की बारीकी से जांच की जाएगी। जांच के निष्कर्षों के आधार पर कानूनी प्रावधानों के अनुसार आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों का मुद्दा लंबे समय से विवाद और बहस का केंद्र रहा है। एक दिन पहले ही एमसीडी उपायुक्त ने स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि स्कूलों में अवैध बांग्लादेशी छात्रों की पहचान करें। आदेश में कहा गया है कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए। इसके अलावा एमसीडी ने जन स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उन नवजात बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं होने चाहिए, जिनके माता पिता अवैध बांग्लादेशी है।