त्योहारी सीजन के नजदीक आ गए हैं। दशहरा-दीवाली को देखते हुए मोदी सरकार ने 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार (3 अक्तूबर 2024) को रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों की प्रोडक्टिविटी से जुड़े बोनस के रूप में 2028.57 करोड़ रुपये के भुगतान को मंजूरी दे दी।
रेलवे कर्मचारियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। रिलीज में कहा गया है कि यह राशि रेलवे कर्मचारियों की विभिन्न कैटेगरी जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मिनिस्टीरियल स्टाफ और अन्य ग्रुप सी कर्मचारियों को दी जाएगी।
78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस
प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (PLB) का भुगतान रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए रेलवे कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में काम करता है। पात्र रेलवे कर्मचारियों को PLB का भुगतान प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा या दशहरा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। इस वर्ष भी करीब 11.72 लाख गैर-राजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर PLB राशि का भुगतान किया जा रहा है।
प्रत्येक पात्र रेलवे कर्मचारी को देय बोनस अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951/- रुपये है। इस राशि का भुगतान विभिन्न कैटेगरी के रेलवे कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप सी कर्मचारियों को किया जाएगा।
प्रदर्शन से जुड़ा होता है बोनस
रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है, जिसका अर्थ है कि अंतिम निर्णय रेलवे के वित्तीय प्रदर्शन से प्रभावित होगा, जिसमें इसकी आय और व्यय शामिल हैं। बोनस पैकेज को अंतिम रूप देने से पहले सरकार से इन कारकों पर सावधानीपूर्वक विचार करने की अपेक्षा की जाती है। अन्य सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को भी दिवाली से पहले बोनस मिलने की संभावना है।
रेलवे का ऐसा रहा प्रदर्शन
वर्ष 2023-2024 में रेलवे का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। रेलवे ने 1588 मिलियन टन का रिकॉर्ड कार्गो लोड किया और करीब 6.7 अरब यात्रियों को ढोया। इस रिकॉर्ड प्रदर्शन में कई कारकों का योगदान रहा। इनमें रेलवे में सरकार द्वारा रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय के कारण बुनियादी ढांचे में सुधार, परिचालन में दक्षता और बेहतर तकनीक आदि शामिल हैं।