तमिलनाडु में नशीली दवाओं की समस्या पर राज्यपाल आरएन रवि ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पुलिस सिंथेटिक दवाओं का एक भी ग्राम नहीं पकड़ पाई है, जबकि केंद्रीय एजेंसियां राज्य में सैकड़ों किलोग्राम दवाएं पकड़ रही हैं। राज्यपाल रवि ने कहा कि नशीली दवाओं की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती, इसके लिए जन आंदोलन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नशीली दवाएं युवाओं को बर्बाद कर रही हैं और समाज को भी नुकसान पहुंचा रही हैं।
तेनकासी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि तमिलनाडु में सिंथेटिक दवाओं की समस्या बहुत गंभीर है और इसके लिए हमें एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों को भी इस समस्या के खिलाफ काम करना चाहिए और विद्यार्थियों को जागरूक करना चाहिए। सिंथेटिक दवाओं को बड़ा खतरा बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि अफीम, हेरोइन, हशीश और विभिन्न प्रकार की सिंथेटिक दवाएं अत्यधिक नशे की लत लगाती हैं, और इसके शिकार ज्यादातर युवा लोग, स्कूल और कॉलेज के छात्र हैं।
इस दौरान राज्यपाल रवि ने तमिलनाडु पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि मैं अपने राज्य के बारे में चिंतित हूं कि केंद्रीय एजेंसियों ने हमारे राज्य के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों किलोग्राम सिंथेटिक और रासायनिक दवाएं जब्त की हैं। जमीन से, समुद्र से, हवाईअड्डे से, बड़ी मात्रा में दवाएं, रासायनिक और सिंथेटिक नशीली दवाएं जब्त कर ली गई हैं।
उन्होंने पूछा, ‘तीन साल बाद, मैंने गांजे की बरामदगी देखी है, कई टन गांजा जब्त किया गया है, लेकिन कोई सिंथेटिक या रासायनिक दवा नहीं है। केंद्रीय एजेंसियां कैसे इन सिंथेटिक और रासायनिक दवाओं के सैकड़ों किलोग्राम जब्त करने में सक्षम हैं, जबकि हमारी राज्य प्रवर्तन एजेंसियां एक ग्राम भी जब्त नहीं कर पा रही हैं।’ कार्यक्रम स्थल पर मौजूद अभिभावकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल रवि ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों के साथ दो घंटे का ‘पारिवारिक समय’ बिताना चाहिए। मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को बच्चों से दूर रखना चाहिए।