कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों पर गुरुवार को मंथन किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों और प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान चुनाव में हार के लिए कांग्रेस ने एक फैक्ट फाइडिंग कमेटी बनाने का फैसला किया।
कांग्रेस अध्यक्ष के आवास ’10 राजाजी मार्ग’ पर हुई इस बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, इस चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने वाले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कोषाध्यक्ष अजय माकन और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दो अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। प्रभारी दीपक बाबरिया बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
बैठक के बाद माकन ने कहा कि इस बैठक में हरियाणा के चुनाव नतीजों की समीक्षा की गई। आप लोग भी इस बात को मानते होंगे कि नतीजे अप्रत्याशित थे। एग्जिट पोल और असल नतीजों में जमीन और आसमान का फर्क था। अलग अलग कारण क्या हो सकते हैं, इस पर चर्चा की गई। आगे के कदमों की जानकारी बाद में दी जाएगी। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा के नहीं शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर माकन ने कहा कि जिनको बुलाया गया था, वो सभी आए थे।
चुनाव आयोग से की थी शिकायत
इससे पहले कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम से जुड़ी शिकायतों के बारे में बुधवार को निर्वाचन आयोग को बताया था। पार्टी ने इनकी जांच की मांग की थी। मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से कहा था कि उन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को जांच पूरी होने तक सील करके सुरक्षित रखा जाए, जिनको लेकर सवाल उठे हैं।
हरियाणा में ऐसे रहे नतीजे
इरअसल, हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 48 सीट पर जीत दर्ज की। पार्टी को 2019 में उसे 41 सीट मिली थी। इस बार कांग्रेस को 37 सीट पर संतोष करना पड़ा।