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Politics: EC की फटकार के बाद अब BJP का कांग्रेस पर हमला, कहा- लोकतंत्र आपके परिवार के हिसाब से नहीं चलेगा

भारत के चुनाव आयोग ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों में अनियमितताओं के कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया। साथ ही इन आरोपों को ‘निराधार, गलत और तथ्यों से रहित’ बताया। अब इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने कांग्रेस को लोकतंत्र विरोधी पार्टी बताया। साथ ही कहा कि आपातकाल वाली पार्टी एक स्वस्थ लोकतंत्र को पचा नहीं सकती है।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से कई शिकायतें की थीं, जिनमें आठ अक्तूबर को मतगणना प्रक्रिया में धीमी गति के आरोप भी शामिल थे। इस दिन हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों के परिणाम घोषित किए गए थे। कांग्रेस ने 26 विधानसभा क्षेत्रों के कुछ मतदान केंद्रों पर मतगणना के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की कंट्रोल यूनिट (सीयू) पर 99 प्रतिशत बैटरी स्थिति प्रदर्शित होने पर भी स्पष्टीकरण मांगा था। कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में 26 शिकायतें की थीं।

मतगणना के लगभग 20 दिन बाद चुनाव आयोग ने मंगलवार को 1600 पन्नों में आरोप का जवाब दिया। चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों पर कि कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को वोटिंग और काउंटिंग जैसे संवेदनशील समय पर इस तरह के सनसनीखेज आरोप लगाने को लेकर चेताया। चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना आरोप अशांति और अराजकता का कारण बन सकते हैं।

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी की साजिश का पर्दाफाश किया है। कांग्रेस लोकतंत्र विरोधी पार्टी है, इसलिए वह बिना किसी सबूत, अर्धसत्य और फर्जी खबर के आधार पर हर लोकतांत्रिक व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘कांग्रेस ने चुनाव आयोग, ईवीएम और सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए। मैं कहना चाहता हूं कि आप (कांग्रेस) आपातकाल की पार्टी हैं, आपने संविधान को तहस नहस कर दिया। आप एक स्वस्थ लोकतंत्र को पचा नहीं सकते, लेकिन यह लोकतंत्र आपके परिवार के हिसाब से नहीं चलेगा। यह कानून के शासन के अनुसार चलेगा। आज आप सभी को देश से माफी मांगना चाहिए कि उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए।’

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘आप देखते हैं, भारत का चुनाव आयोग अभी तक एक और संवैधानिक संस्था है, जिसने कांग्रेस पार्टी को उसके गैरजिम्मेदार, निराधार आरोपों के लिए फटकार लगाई है जो किसी भी तथ्य से रहित हैं। कांग्रेस पार्टी जब भी चुनाव जीतती है, चाहे वह उस समय कर्नाटक में हो या तेलंगाना में, ईवीएम और चुनाव आयोग को ठीक मानती है। जब वह चुनाव हारती है तो संवैधानिक संस्थाओं को गाली देना शुरू कर देती है।’

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार न्यायपालिका में भी यदि कांग्रेस कोई मामला जीतती है तो न्यायपालिका और लोकतंत्र ठीक हैं। अन्यथा, लोकतंत्र और न्यायपालिका खतरे में हैं। इसे संविधान के प्रति सशर्त प्रतिबद्धता कहा जाता है। इस तरह की प्रतिबद्धता केवल तभी होती है, जब आप कोई केस जीतते हैं या जब आप चुनाव जीतते हैं तो आप प्रतिबद्ध होते हैं। अन्यथा, आप संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करते हैं। हरियाणा में उन्होंने चुनाव के बाद दोष मढ़ना शुरू कर दिया। अब महाराष्ट्र और झारखंड में वे चुनाव पूर्व दोष मढ़ रहे हैं। वे ईवीएम को पहले ही दोष दे रहे हैं।

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