रायपुर। छत्तीसगढ़ क्रेड़ा में सौर सुजला योजना के तहत जारी निविदा में बड़े खेल की तैयारी है। चहेते लोगों को निविदा दिलाने क्रेडा के कार्य के अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने एवं नए रजिस्ट्रेशन करवाने हेतु प्रत्येक सिस्टम इंट्रीग्रेटर से 50000 रुपये की उगाही की जा रही है। दो सौ करोड़ रुपए के पंप के कार्य स्वीकृति के लिए जेएन बैगा द्वारा निविदा में कुछ नए सिस्टम इंट्रीगेटर्स को शामिल कराने के लिए उनसे प्रति सिस्टम इंट्रीगेटर 5 लाख रुपये की उगाही की जा रही है। इसके लिए कई पुराने सिस्टम इंट्रीगेटर्स पर जबरन दबाव डाल कर उनसे जॉइंट वेंचर के रूप में काम करने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके तहत 5 बड़े व नामी सिस्टम इंट्रीगेटर की जेएन बैगा एवं रमेश भाकुनी के माध्यम से मीटिंग कर निविदा में दरों को मैनेज करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है। पूरे मामले में जिस तरह से खेल खेला जा रहा है उससे निविदा पर ही सवाल उठ रहे हैं। लोगों को मानना है कि ऐसे में काम कम और कमीशन वसूली के प्रयास हो रहे हैं।
बताया गया है कि क्रेडा सीईओ राजेश सिंह राणा द्वारा पूरे मामले में ऐसे लोगों को शह दिया जा रहा है, जो प्रक्रिया को सहीं लोगों को हाथों जाने से रोक रहे हैं। राज्य पोषित सौर सुजला योजना हेतु, वित्त विभाग द्वारा 6000 पम्पों की स्थापना हेतु क्रेडा को लगभग 200 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है। क्रेडा द्वारा इसके लिए निविदा जारी की गयी है। निविदा में विभिन्न स्तरों पर जोड़-तोड़ करते हुए सीईओ द्वारा 40 से 50 करोड़ राजस्व का नुकसान करते हुए भ्रष्टाचार की तयारी है। क्रेडा के दो अधिकारी जेएन बैगा एवं रमेश भाकुनी भी इसमें शामिल हैँ और उनके नके माध्यम से उगाही की जा रही है।
वरिष्ठ किनारे, फ्रंट में बैगा
सीईओ राजेश सिंह राणा द्वारा वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारियों को दरकिनार करते हुए, जेएन बैगा को विभाग का सर्वेसर्वा बना दिया गया है, जो की पूर्व में भ्रष्टाचार सहित अन्य आरोपों से घिरे हुए हैं, जिसकी विभागीय जांच लंबित है। अधिकारीयों द्वारा 7 अक्टूबर को निविदा में लगने वाले सभी उपकरणों कि प्रदर्शनी के दौरान वेंडर्स को एमएएफ (उपकरणों के निर्माता द्वारा दिया जाने वाला प्राधिकृति पत्र) जारी न करने के निर्देश दिए गए । कई सिस्टम इंट्रीगेटर जो वहां मौजूद नहीं थे लेकिन उनके नाम पर एमएएफ बनाने हेतु दबाव डाला जा रहा था।
लाखों की उगाही
बताया गया है कि निविदा लगने के बाद जेएन बैगा द्वारा कुछ नए सिस्टम इंट्रीगेटर्स को समिल्लित करने के लिए उनसे प्रति सिस्टम इंट्रीगेटर 5 लाख रुपये की उगाही की गयी एवं इस हेतु कई पुराने सिस्टम इंट्रीगेटर्स पर जबरन दबाव डाल कर उनसे जॉइंट वेंचर करवाया गया है। 5 बड़े व नामी सिस्टम इंट्रीगेटर को जेएन बैगा एवं रमेश भाकुनी के माध्यम से मीटिंग कर निविदा में दरों को मैनेज करने हेतु दबाव बनाया गया। उनमें एरवेज एनर्जी, आरबीपी एनर्जी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, रोटोमेक मोटर्स एण्ड कंट्रोलर प्राइवेट लिमिटेड, प्रिमियर इंजीरजीस, लक्ष्मी एजेंसी के नाम लिए जा रहे है।
मना करने ब्लैकलिस्ट की धमकी
क्रेडा के सीईओ राजेश सिंह राणा के दबाव के बाद भी जब इन लोगों ने इससे मना कर दिया तो, इन्हे ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी गयी। ये सभी लोग वरिष्ठ व अनुभवी होने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा भी अन्य कई राज्यों में काम करते हैं, इसलिए इन्हे इस काम से ज्यादा अपनी कंपनी के नाम ख़राब होने की और अर्जित की गयी प्रसिद्धि में दाग लगने के डर से इन्होने इस भ्रस्ट कार्य में समिल्लित होने से मना कर दिया। इन सभी लोगों ने अन्य राज्यों की तुलना करते हुए प्रतिस्पर्धात्मक दरें निविदा में अंकित कर दी। कंपनियों के ऐसा किए जाने से सीईओ का पूरा प्लान चौपट हो गया।
पांचों कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने पत्र जारी
अपने चहेते राजू गुप्ता (दुर्गेश सोलर) को एल-1 में लाने का प्लान फेल होते देख, निविदा को मैनेज करने हेतु निविदा कि शर्तों में अंतिम समय तक बदलाव किया गया। निविदा की समय सीमा बढ़ाते हुए पुनः इन दोनों अधिकारियों के माध्यम से इन पांचों से संपर्क कर निविदा में डाली गयी दरों की जानकारी साझा करने हेतु दबाव बनाया। कंपनियों ने इसके लिए साफ मना कर दिया, तब अगले ही दिन 18 अक्टूबर को इन पांचों सिस्टम इंट्रीगेटर को धमकी के अनुरूप एक ही प्रारूप में, संधारण व रखरखाव का आरोप तय करते हुए ब्लैकलिस्ट करने हेतु पत्र जारी कर दिया गया। पत्र के माध्यम से इनको निविदा में अपात्र घोषित कर इन्हे निविदा से बाहर करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है।
सूत्र बताते हैं कि राजू गुप्ता की कंपनी दुर्गेश साेलर को एल-वन में लाकर सीईओ ने यह टेंडर दिलाने की तैयारी कर ली है। बताया जाता र्है कि सोमवार को इस संबंध में निर्णय लिया जा सकता है।