Maharashtra Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को अब कुछ ही दिन रह गए हैं। भाजपा के लिए प्रचार करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए संविधान से छेड़छाड़ की। सोमवार को भाजपा उम्मीदवार चरणसिंह ठाकुर के लिए प्रचार करते हुए गडकरी ने एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने इस रैली में कहा कि भाजपा ने कभी भी बीआर आंबेडकर के संविधान को बदलने की कोशिश नहीं की और न ही किसी को ऐसा करने की अनुमति दी।
कांग्रेस के दावों का किया पलटवार
कांग्रेस बार-बार यह दावा करती है कि भाजपा संविधान को बदल देगी। इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “हमने न तो बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को बदलने की कोशिश की और न ही किसी को ऐसा करने की अनुमति दी।” उन्होंने अपनी बात के समर्थन में ऐतिहासिक केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया।
गडकरी ने कहा, “संविधान की प्रमुख विशेषताएं जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार को कोई भी नहीं बदल सकता। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने संविधान को बिगाड़ने की कोशिश की। देश के इतिहास में यह कांग्रेस ही थी जिसने संविधान को नष्ट करने का पाप किया और अब वे हम पर आरोप लगा रहे हैं।”
छुआछूत-जातिवाद नष्ट करने की बात की
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि सम्राट ने लोगों को भगवान राम के राम राज्य के समान शिव शाही दी, जिसके बारे में महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि इसे देश में स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ?अगर आप राम राज्य स्थापित करना चाहते हैं तो यह नेताओं के हाथ में नहीं बल्कि लोगों के हाथ में है। जाति, धर्म और भाषा के आदार पर वोट न दें। लोग जाति के आदार पर बड़े नहीं होते, वह अपने गुणों से बड़ा होता है। छुआछूत और जातिवाद को नष्ट कर देना चाहिए।”
नितिन गडकरी ने आगे कहा, “जो नेता योग्यता के आधार पर नहीं जीत सकते, वे चुनावी लाभ के लिए जाति का इस्तेमाल करते हैं। आप भोजन और स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति के पास जाते हैं, उनकी जाति नहीं देखते। जब तक आप ईमानदार, भ्रष्टाचार मुक्त नेता और पार्टी नहीं चुनेंगे, तब तक आपका भविष्य नहीं बदलेगा।” उन्होंने बताया कि महायुति सरकार लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लेकर आई है। उन्होंने पूछा कि क्या इनमें से किसी में यह शर्त है कि मुसलमान और दलित आवेदन नहीं कर सकते?