पिछली सरकार ने मोटी कमाई के लिए एक से एक नायाब तरीका खोजा था।! शासकीय मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कालेज सहित शासकीय कालेजों में सालो से जमे प्रोफेसर्स से रीनीवल फीस के रूप में प्रोटेशन मनी लेने का।
रायपुर,बिलासपुर, दुर्ग,राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, के मेडिकल इंजीनियरिंग और शासकीय कालेजों के प्रोफेसर के वेतन लाखो रूपये है। इनको आदिवासी क्षेत्रों में भेजने के नाम पर नकली ट्रांसफर नोट शीट बना कर जम कर उगाही की गई है। एक एक प्रोफेसर से 10 -10लाख रुपए प्रोटेक्शन राशि के रूप में उगाही की गई है।
एक प्रोफेसर ने नाम न बताने के शर्त पर बताया कि तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा मंत्री को कार्यभार ग्रहण करते ही सबसे पहले ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइल की जांच कराना चाहिए। किन परिस्थितियों में नाम शामिल किया गया, क्यों नाम काटा गया। क्यों ट्रांसफर संशोधित किया गया, इन सबकी विस्तृत जांच होना चाहिए।
सरकारी कालेजों के प्रोफेसर ही कांग्रेस के शासन काल में तकनीकी और उच्च शिक्षा मंत्रालय में दलाली कर रहे थे। इनके नामो की सूची नव नियुक्त मंत्री को दी जाएगी।