मुरादाबाद। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए जीरो टोलरेंस की नीति अपना रहे हो। लेकिन मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त दावे की पोल उनके ही सरकारी कर्मचारी खोल रहे हैं। ताजा मामला मुरादाबाद जिले का है, जहां महिला अस्पताल में सरकारी कर्मचारी का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। सरकारी महिला अस्पताल में पैदा होने वाले नवजात बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में नाम डालने के नाम पर माता-पिता से अस्पताल कर्मी अवैध रूप से पैसा वसूल रहे हैं।
एक तरफ उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों का दौरा कर चिकित्सा में मरीजों को बेहतर इलाज निःशुल्क सुविधा के लिए दिशा निर्देश दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मुरादाबाद के महिला चिकित्सालय में जननी सुरक्षा योजना के दफ्तर में तैनात रवि शर्मा की मिली भगत से उनके आधीन बाबू बबलू जन्म प्रमाण पत्र में नवजात का नाम चढ़ाने के लिए नवजात के परिजनों से अवैध वसूली कर रहे है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जब इस पूरे प्रकरण में रिश्वत खोर रवि और उसके अधीनस्थ कर्मी बबलू से बात की गई तो दोनों कर्मी साफ झूठ बोलते नजर आए।
बताया जा रहा है कि यह वायरल वीडियो शनिवार का है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि जननी सुरक्षा योजना के दफ्तर में तैनात बाबू बबलू नवजात के परिजनों से जन्म प्रमाण पत्र में नाम चढ़ाने के लिए पैसे ले रहा हैं। इससे साफ जाहिर है कि बबलू और उसके संग तैनात कर्मियों की मिली भगत से यह रिश्वतखोरी का खेल काफी समय से चल रहा है।
अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वादों की धज्जियां उड़ाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई होगी या फिर जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। इस बाबत मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉक्टर निर्मला पाठक से बात की गई तो उन्होंने इसकी जांच करने की बात कह कर बात को टाल दिया।