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बाघ का शिकार, आपस में भिड़े ओडिशा और छत्तीसगढ़ के वन अफसर

सारंगढ़-बिलाईगढ़ के वनमंडल के गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की करंट से शिकार करने की घटना सामने आने के बाद ओडिशा तथा छत्तीसगढ़ वन अफसरों के अपने-अपने दावे सामने आ रहे हैं। ओडिशा वनमंडल के अफसर मृत बाघ को अपना होने का दावा करते हुए राज्य के वन अफसरों पर बाघ को नहीं बचा पाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर वरूण जैन पूर्व में कह चुके हैं कि ओडिशा के जंगल से गोमर्डा पहुंचा बाघ उनके वनक्षेत्र के हैं, जो भटककर ओडिशा के जंगल से होते हुए गोमर्डा पहुंच गया था।

गौरतलब है बाघ शेड्यूल- 1 प्रजाति के वन्यजीव है। बाघों की गणना रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 22 बाघ होने की एनटीसीए ने पुष्टि की है। इसके विपरित वन अफसर राज्य में 27 के करीब बाघ होने का दावा करते आ रहे हैं। गोमर्डा में शिकारियों की बिछाए करंट की चपेट में आए बाघ अफसरों की गणना रिपोर्ट में है या नहीं यह अब तक स्पष्ट नहीं है। बाघ छत्तीसगढ़ के है या ओडिशा के शिकार होने के बाद राज्य के वन अफसरों की लापरवाही उजागर होती है।

एक सप्ताह बाद जागे विभागीय अफसर
वन अफसरों के दावों के मुताबिक बाघ गोमर्डा तथा ओडिशा के वन क्षेत्र में विचरण कर रहा था, तब बाघ का डे टू डे लोकेशन ट्रेस किया जा रहा था। ऐसे में सवाल उठता है पांच जनवरी के बाद बाघ का लोकेशन ट्रेस नहीं होने के बाद वन विभाग के अफसरों ने बाघ की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश क्यों नहीं की। बाघ के लोकेशन नहीं मिलने के एक सप्ताह बाद वन अफसरों ने अपने मुखबिरों की मदद से बाघ के बारे में जानकारी जुटाई तब 10 दिन बाद 24 जनवरी को वन अफसरों को बाघ के शिकार होने की जानकारी मिली।

शिकार के लिए बदनाम वनक्षेत्र
गोमर्डा के साथ महासमुंद से सटे बारनवापारा अभयारण्य वन्यजीवों की करंट से शिकार करने के मामले में बदनाम है। इस वनक्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा चीतल तथा जंगली सुअर की शिकार करने करंट बिछाए जाने की घटनाएं आए दिन सामने आते रहती है। बावजूद इसके वन अफसर शिकार रोकने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए हैं।

स्निफर डॉग की एक बार फिर से मांग
गोमर्डा में बाघ के शिकार की घटना सामने आने के बाद मौके पर पड़ताल करने रायपुर स्थित जंगल सफारी से स्निफर डॉग को मौके पर पड़ताल के लिए ले जाया गया। वनों में हो रहे शिकार को रोकने के लिए वन्यजीव प्रेमियों ने राज्य के सभी संरक्षित वनक्षेत्रों में एक बार फिर से स्निफर डॉग रखने की मांग की है। जानकारों के मुताबिक स्निफर डॉग से नियमित पेट्रोलिंग होने से शिकार की घटना पर अंकुश लगाया जा सकता है। वन विभाग के पास वर्तमान में रायपुर तथा कांकेर में एक-एक स्निफर डॉग है। अचानकमार टाइगर रिजर्व में दो स्निफर डॉग थे जो रिटायर हो चुके हैं।

जांच करने एनटीसीए की टीम पहुंची
गोमर्डा में बाघ की शिकार की घटना की जानकारी मिलने के तत्काल बाद एनटीसीए की टीम घटना की जांच करने घटना स्थल पर पहुंची। एनटीसीए की टीम ने बाघ की मौत को लेकर वन अफसरों से रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। एनटीसीए ने पूरे वनक्षेत्र के भूगोल की जानकारी लेने के साथ वहां रह रहे वन्यजीवों के बारे में जानकारी ली है।

डब्लूआईआई की डेटा से होगी पुष्टि
वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (डब्लूआईआई) के पास पूरे देश में छह हजार बाघों के जीवित तथा मृत बाघों की डेटा रिपोर्ट है। बाघ छत्तीसगढ़ के है या ओडिशा के इस बात की पुष्टि डब्लूआईआई की डेटा मिलान से हो सकती है। पहचान करने ट्रैप कैमरा में कैद बाघ के धारी मिलान करने से होगी।

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