छत्तीसगढ़ में सरकार के बदलते ही विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री बने थे। मुख्यमंत्री बनते ही विष्णु देव साय ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस की बात कहते हुए घोषणा कर दिया था कि कांग्रेस शासनकाल में जितने भी घोटाले हुए है उनकी कड़ाई से जांच होगी। एक महीने के भीतर ही मुख्य मंत्री के कथनी पर करनी का असर दिख गया है। कोयला घोटाले,शराब घोटाले के बाद डी एम एफ फंड और मार्कफेड में हुए घोटाले की एफ आई आर ई ओ डबल्यू विभाग में दर्ज कर लिया गया है। आज बाजार में इस बात की चर्चा जमकर है कि राशन बचत चांवल और शक्कर घोटाले की भी एफ आई आर शीघ्र होने वाली है। भारतीय जनता पार्टी के भूतपूर्व मुख्य मंत्री डॉ. रमन सिंह सहित पिछले विधानसभा के 13 सदस्यो ने पिछले साल मार्च में जब्दस्त ढंग से मुद्दा उठाया था।
तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने स्वीकार किया था कि 600 करोड़ के चांवल और शक्कर की कमी पाई गई है। खाद्य मंत्री ने ये भी बताया था कि 15 लाख टन और 8 लाख टन शक्कर की वसूली की गई है। छत्तीसगढ़ के खाद्य संचालनालय के अधिकारियों ने केंद्र शासन को गुमराह कर घोटाले को दबाने का काम किया है। भूतपूर्व मुख्य मंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के पारदर्शी कंप्यूटर सिस्टम में राशन चावल शक्कर के घोटाले को दबाने का लिए तेरह हजार राशन दुकानों के घोषणा पत्र को पोर्टल से गायब करने का आरोप लगाया था।
बताया जाता है कि खाद्य संचालनालय का एक अधिकारी जिसका शराब घोटाले के मास्टर माइंड अनिल टुटेजा से घनिष्ठ संबंध है उसके द्वारा कांग्रेस शासन काल में पांच साल तक चावल शक्कर बचे होने के बाद भी कोटा जारी कर घोटाले को अंजाम दिया है। कांग्रेस के शासनकाल में खाद्य संचालनालय के संचालको की नियुक्ति नाम भर के लिए थी।उनको किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप करने से मना किया गया था। ऐसा सुपर सीएम सौम्या चौरसिया और अनिल टुटेजा के कहने पर हुआ है। इस घोटाले के संबंध में दस्तावेज ईडी और ईओडबल्यू विभाग तक पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी राशन चांवल शक्कर घोटाले की बात लाई जा चुकी है इस कारण उम्मीद की जा रही है कि अगली एफ आई आर राशन घोटाले पर होगी।