महादेव सट्टा एप मामले में ईडी ने शुक्रवार को भिलाई, वैशालीनगर निवासी नीतीश दीवान को गिरफ्तार कर ईडी की विशेष अदालत में पेश किया। नीतीश से पूछताछ करने ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद नीतीश की आठ दिन की रिमांड स्वीकृत करते हुए 24 फरवरी तक रिमांड पर देने का फैसला सुनाया है।
ईडी के वकील डॉ. सौैरभ पाण्डेय के मुताबिक नीतीश महादेव सट्टा एप में पैनल ऑपरेटर का काम करता था। नीतीश महादेव सट्टा एप के कारोबार को आगे बढ़ाने दो वर्ष तक दुबई में भी रहा है। बताया जा रहा है, नीतीश सौरभ चंद्राकर का भरोसेमंद तथा काफी करीबी रहा है। नीतीश पर महादेव सट्टा के अन्य पैनल की जांच करने की भी जिम्मेदारी थी। महादेव सट्टा एप की कमाई को कहां कैसे खर्च करना है, इस बात का निर्णय नीतीश सौरभ तथा रवि के साथ विचार करने के बाद खर्च करता था।
सट्टे की कमाई को क्रिप्टो में ट्रांसफर कर निवेश
ईडी को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक नीतीश ने सट्टे की रकम को क्रिप्टो करेंसी में तब्दील कर उक्त रकम से सौरभ चंद्राकर के लिए दुबई में प्रापर्टी खरीदी है। इसके अलावा महादेव सट्टा एप का सही ढंग से संचालन हो, इसके लिए नीतीश के माध्यम से संबंधित लोगों तक पैसा का ट्रांसफर किया जाता था।
महादेव को प्रमोट करने जिंबाबवे तक गया
सौरभ का भरोसेमंद होने की वजह से नीतीश पर महादेव सट्टा एप को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने की जिम्मेदारी दी गई थी। महादेव सट्टा एप को अफ्रीकी देश में फैलाने के उद्देश्य से नीतीश के जिंबाबवे जाने की जानकारी ईडी के अफसरों को मिली है। नीतीश जिंबाबवे के अलावा और कौन-कौन से देश गया था, ईडी इस संबंध में नीतीश से पूछताछ करेगी।
आईफा अवार्ड आयोजित कर चुका
नीतीश एक बड़ा ईवेंट आर्गेनाइदजर रहा है। दुबई में महादेव सट्टा एप के प्रमोशन के समय जो फिल्मी हस्तियां पहुंची थीं, उस ईवेंट का आयोजन नीतीश ने किया था। इसके अलावा नीतीश महादेव सट्टा एप के पैसों से आईफा अवार्ड तक आयोजित कर चुका है। ईवेंट आर्गेनाइज करने में नीतीश के साथ उसका भाई भी हाथ बंटाता था। बताया जा रहा है, नीतीश का भाई भी सौरभ का करीबी रहा है।
पूर्व में भी हो चुकी है पूछताछ
पिछले वर्ष नीतीश को ईडी के अफसर महादेव सट्टा एप को लेकर पूछताछ करने छह नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट में रिकवर कर अपने साथ ले गए थे। लंबी पूछताछ के बाद ईडी के अफसरों ने नीतीश को छोड़ दिया था। नीतीश को छोड़ने के बाद ईडी के अफसर उस पर नजर रख रहे थे।