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दिल्ली में तेजी से फैल रही है यह खतरनाक बीमारी, जानें कारण लक्षण और उपाय

दिल्ली में “Stomach Flu” – Gastroenteritis का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. मौसम के बदलाव के साथ ही बढ़ रहे मामले, किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी ये वायरस फैल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें इस बीमारी होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है. दिल्ली में पेट की बीमारी के केस दिन पर दिन बढ़ रहे हैं. इस बदलते मौसम में गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या बढ़ जाती है. बोलचाल की भाषा में इसे पेट की बीमारी या स्टमक फ्लू कहा जाता है.

इसके लक्षण होते हैं पेट में दर्द, पेट खराब, दस्त, उल्टी के साथ-साथ कई सारी प्रॉब्लम होने लगती है. दरअसल, यह नोरोवायरस, एंटरोवायरस और रोटावायरस के कारण हो सकता है. इसलिए इस स्थिति में जरूरी है कि आप इनके लक्षणों को जरूर जानें.

आम तौर पर फैल रहे फ्लू से अलग इसमें पेट से जुड़ी परेशानियां होती है. शुरुआती लक्षण – पेट दर्द, डायरिया , उल्टी जैसी परेशानियां. कुछ मामलो में डायरिया में ब्लड भी निकलता है जिससे मरीज को ज्यादा दिक्कत हो सकती है. डॉक्टरों की माने तो अगर शुरुआती लक्षण में ही मरीज डॉक्टर से संपर्क कर लें तो इससे एक हफ्ते के अंदर ही निजात मिल जाती है. इससे बचने का उपाय – दूषित पानी से दूर रहे, ज्यादा से ज्यादा पानी पिए और साथ ही फास्ट और जंक फूड का सेवन न करें.

क्या है स्टमक फ्लू ?
“Stomach Flu” या Gastroenteritis एक आम स्थिति है जो पेट में इंफेक्शन के कारण होती है. यह इंफेक्शन आमतौर पर वायरसों, बैक्टीरिया, या प्राणिजीवों के कारण होता है. इसके लक्षणों में पेट का दर्द, दस्त, उल्टी, पेट में सूजन, गैस, और उन्हें भूख न लगने की समस्या शामिल हो सकती है.

गैस्ट्रोएंटेराइटिस का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो साफ पानी या खाद्य पदार्थों से संक्रमित होते हैं, विशेष रूप से यदि वे अन्य संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आते हैं. बच्चों, बूढ़ों, और शरीरिक कमजोर व्यक्तियों के लिए यह अधिक खतरनाक हो सकता है.

गैस्ट्रोएंटेराइटिस का उपचार आमतौर पर आराम, पर्याप्त पानी पीना, और उपायुक्त आहार का सेवन करने से होता है. गंभीर मामलों में, चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाओं का सेवन करना आवश्यक हो सकता है.

पेट में इंफेक्शन का कारण
पेट में इंफेक्शन के पीछे कई कारण हैं जैसे कि

-दूषित भोजन खाने से
-दूषित पानी पीना से
-बाहर का खराब खाने से
-साफ सफाई की कमी से
-किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से

पेट का फ्लू होने के लक्षण
पेट का फ्लू या वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस, एक आंतों का संक्रमण है जो नोरोवायरस या रोटावायरस जैसे वायरस के कारण होता है. इससे पेट और आंतों में सूजन हो सकती है. जिन लोगों को

-पानी जैसा खूनी दस्त हो सकता है.
– ऐंठन और मतली की समस्या हो सकती है
-उल्टी और बुखार
-कमजोरी, सिर दर्द और चक्कर आना

पेट के फ्लू से कैसे बचें?

-डिहाइड्रेशन से बचने के लिए, साफ तरल पदार्थ जैसे पानी, इलेक्ट्रोलाइट का घोल या जिंजर ड्रिंक लें.
-बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पिएं जिससे उल्टी रोकने में मदद मिल सकती है.
-दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद, कैफीन और शराब से बचें.
-केले, चावल, सेब की चटनी जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें क्योंकि ये खाद्य पदार्थ आसानी से पच जाते हैं.

इन सबके अलावा वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोकर साफ कर रहें. बाहर का खाना न खाएं. घर का बना गर्म खाना खाएं. डॉक्टर को दिखाएं और फिर सही समय पर दवा लें. इसके अलावा जिस व्यक्ति को इंफेक्शन हुआ हो उससे दूरी बनाए रखें.

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