जंगल सफारी में वन्यजीव चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। डॉ. वर्मा को लेकर पिछले दिनों विधानसभा में आसंदी तक ने आपत्ति दर्ज कराई थी, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने डॉक्टर को जंगल सफारी से हटाने के लिए कहा। सूत्रों के मुताबिक डॉ. वर्मा को जंगल सफारी से बारनवापारा में ट्रांसफर करने की तैयारी की जा रही है। इसी के साथ जंगल सफारी में संविदा में कार्यरत एक अन्य वन्यजीव चिकित्सक डॉ. सोनम मिश्रा का अन्यत्र ट्रांसफर करने विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि संविदा में कार्यरत किसी भी शासकीय कर्मचारी का स्थानांतरण करने का प्रावधान नहीं है।
जंगल सफारी में पिछले एक वर्ष के दौरान 74 वन्यजीवों की मौतें हुई हैं। इनमें से 16 वन्यजीवों की प्राकृतिक मौतें हुई हैं, शेष अन्य 58 वन्यजीवों की निमोनिया तथा अन्य संक्रमण से मौतें हुई हैं, जिन्हें समय रहते उपचार मिलने पर बचाया जा सकता था। इसी के साथ नवंबर-दिसंबर में थोक के भाव में 24 चौसिंगा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने के बाद डॉक्टर सवालों के घेरे में आ गया, डॉक्टर के खिलाफ जांच टीम बैठाई गई। जांच टीम ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की, बावजूद इसके डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
गौरतलब है कि डॉ. राकेश वर्मा वर्ष 2007 में कांकेर जिला पंचायत में सहायक परियोजना अधिकारी थे, तब एसीबी ने छापे की कार्रवाई करते हुए डॉ. वर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 120बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) सी, 13 (1) डी, 13 (2) के तहत अपराध दर्ज किया है। डॉ. के खिलाफ दो वर्ष पूर्व दो फरवरी 2022 को कोर्ट में चालान पेश किया गया है।
किसी भी शासकीय कर्मचारी, अधिकारी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने पर निलंबन करने का प्रावधान है। डॉ. राकेश वर्मा के खिलाफ दर्ज मामले का कोर्ट में दो वर्ष पूर्व ट्रायल शुरू हो गया है। वर्तमान में वे हाईकोर्ट से जमानत पर हैं। बावजूद इसके डॉ. वर्मा को निलंबित नहीं किया गया है। बावजूद इसके चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डॉ. राकेश वर्मा को निलंबित करने के बजाय उनकी सेवाएं ले रहे हैं। गौरचलब है कि संविदा में कार्यरत डॉ. सोनम मिश्रा तथा डॉ. वर्मा के खिलाफ सीसीएफ वाइल्ड लाइफ तथा जंगल सफारी के डायरेक्टर ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को पत्र लिखकर हटाने की अनुशंसा की है।