कारोबारी प्रतिद्वंद्वी अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी एक साथ आ गए हैं. दोनों दिग्गज कारोबारियों ने मध्य प्रदेश में बिजली परियोजना के लिए अपने पहले सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. अंबानी की कंपनी रिलायंस ने मध्य प्रदेश में अडानी पावर की परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है. ये खबर अपने आप में रोचक है क्योंकि इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में इन दोनों की प्रतिद्वंदिता की खबरें ही सामने आती थीं.
रिलायंस खरीदेगी 5 करोड़ इक्विटी
गौरतलब है कि रिलायंस, अडानी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी महान एनर्जीन लिमिटेड में 5 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगी, जिसका फेस वैल्यू 10 रुपये के बराबर (50 करोड़ रुपये) है. दोनों कंपनियों ने अलग-अलग स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि यह 500 मेगावाट उत्पादन क्षमता का उपयोग कैप्टिव यूज के लिए करेगी.
अडाणी पावर में ये कहा
अपनी कंपनी फाइलिंग में अडानी पावर ने कहा, “अडानी पावर लिमिटेड (APL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी महान एनर्जीन लिमिटेड (MEL) ने बिजली नियम, 2005 के तहत परिभाषित कैप्टिव यूजर्स पॉलिसी के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के साथ 500 मेगावाट के लिए 20 साल का दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौता (पीपीए) किया है.” फाइलिंग में आगे कहा गया है, “इस नीति का लाभ उठाने के लिए, RIL को पावर प्लांट की कुल क्षमता के अनुपात में कैप्टिव यूनिट में 26 प्रतिशत स्वामित्व हिस्सेदारी रखनी होगी.”
गुजरात से आने वाले अडानी और अंबानी अक्सर व्यापारिक गतिशीलता की बात आने पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होते रहे हैं. दोनों पिछले कई वर्षों से एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति के खिताब के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं. अंबानी की रुचि तेल और गैस से लेकर खुदरा और दूरसंचार तक फैली हुई है और अडानी का ध्यान समुद्री बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों, कोयला और खनन तक फैले बुनियादी ढांचे पर है.