पटना/दिल्ली. बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे और लोकसभा चुनाव में बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाकर एनडीए छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने फिर से घर वापसी कर ली है. पशुपति पारस ने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. सोमवार की देर रात हुई मुलाकात में पारस के साथ उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज भी मौजूद थे. इस मुलाकात के दौरान पारस ने लोकसभा चुनाव में एनडीए के पक्ष में अपना समर्थन और अपनी आस्था जताई.
इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद इस बात के कयास लगाये जा रहे थे कि पशुपति पारस एनडीए से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इन कयासों को बल तब मिला था जब उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा था कि राजनीति साधु की जमात नहीं होती है और हम जल्द ही भविष्य के बारे में अपने कार्यकर्ताओं से पटना में मुलाकात कर फैसला करेंगे. सूत्र बताते हैं कि इस दौरान पशुपति पारस ने के समर्थकों की तरफ से राजद के साथ संपर्क में होने और बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं बनी.
दूसरी तरफ पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा सौंप कर अपनी नाराजगी भी जता दी थी लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी के भीतर एक बड़ा धड़ा और यहां तक की परिवार के भीतर भी भतीजे प्रिंस राज और उनके समर्थक चाहते थे कि राष्ट्रीय लोजपा हर हाल में एनडीए के ही साथ रहे. भले ही उन्हें लोकसभा चुनाव में एक भी टिकट नहीं दिया गया, फिर भी हम संगठन मजबूत करें, अपना प्रभाव बढ़े और एक डेढ़ साल की मेहनत के बाद आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी को मजबूत करें और उसे वक्त विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटे मिले.
इसी कड़ी में होली के मौके पर प्रिंस राज ने बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े से भी मुलाकात की थी. दूसरी तरफ पारस ने भी प्रिंस राज को ही बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंप दी थी, ऐसे में सोमवार की रात प्रिंस राज की पहल पर ही बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े की मौजूदगी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पारस की मुलाकात हुई और मुलाकात के बाद पशुपति पारस ने एक बार फिर से इस बात का ऐलान कर दिया कि वह एनडीए के साथ रहेंगे.