नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के दौरान 100 प्रतिशत वीवीपैट के इस्तेमाल को लेकर लगाई गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. योग गुरू बाबा रामदेव ने वीवीपैट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई. रामदेव ने कहा कि ईवीएम एक मशीन है. इसमें किसी तरीके की कोई कंट्रोल की बात नहीं है. सारी प्रक्रिया ट्रांसपेरेंट हैं. अदालत में सारी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए फैसला दिया है और अब यह बात साफ हो गई है कि ईवीएम पर कोई शक की गुंजाइश नहीं है.
रामदेव ने कहा कि ईवीएम एक मशीन है और उसमें हर सॉफ्टवेयर इंडिपेंडेंट है. कहीं से कंट्रोल नहीं हो सकता है और सारी प्रक्रिया पूरी ट्रांसपेरेंट है. अदालत में सारी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला दिया है, जो कि मेरे हिसाब से बिल्कुल सही है. जहां तक वोटिंग का सवाल है तो कम वोटिंग चिंता का विषय है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को बाहर आना चाहिए और वोट करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में यह कहा गया था कि मौजूदा लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान ईवीएम के साथ मौजूद वीवीपैट मशीन से गिरने वाली पर्चियों का 100 प्रतिशत मिलान हो ताकि चुनाव 100 प्रतिशत सही और पारदर्शी तरीके से हो सकें. मौजूदा वक्त में यह एक लोकसभा क्षेत्र में केवल 5 प्रतिशत केंद्रों पर ही किया जाता है. स्वामी रामदेव ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया.
‘आंख मूंद कर एक व्यवस्था पर सवाल खड़े नहीं कर सकते’
दो जजों की बेंच ने हालांकि प्रत्याशियों के खर्च पर वोटों का वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया. कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ पाए जाने की स्थिति में प्रत्याशियों का पैसा लौटाना होगा. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) को 45 दिन तक सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि आंख मूंद कर एक बनी बनाई व्यवस्था पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकते हैं.