साइबर सिटी बेंगलुरु वासियों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कर्नाटक सरकार ने कुछ दिन पहले ही पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा किया था. अब पानी की किल्लत झेल रहे यहां के लोगों पर पानी के बिल की मार भी पड़ने वाली है. राज्य में चल रहे गंभीर पानी संकट के बीच कर्नाटक सरकार बेंगलुरु में पानी की दर बढ़ा सकती है. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और बेंगलुरु विकास मंत्री डीके शिवकुमार ने ऐसे संकेत दिए हैं.
डीके शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड- बीडब्ल्यूएसएसबी वित्तीय घाटे में चल रहा है. इसे आर्थिक घाटे से उबारने के लिए कुछ बड़े कदम उठाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में बेंगलुरु में पानी का शुल्क नहीं बढ़ाया गया है. बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि पानी की आपूर्ति के लिए नए प्रोजेक्ट शुरू करने होंगे. नए प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए कोई भी बैंक कर्जा नहीं दे रहा है.
शिवकुमार ने कहा कि सीवरेज बोर्ड को हर साल बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. फाइनेंस कंपनियां कह रही हैं कि हम केवल मुद्दों का राजनीतिकरण कर रहे हैं लेकिन कम से कम कंपनी को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. उन्होंने इस मुद्दे की जांच के आदेश दिए हैं.
कांग्रेस का खटा-खट लूट मॉडल
राज्य में जल संकट पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बयान के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस पर चौतरफा हमला करते हुए दावा किया कि राज्य में कांग्रेस ने लोगों को मुफ्त बिजली-पानी और सब्सिडी का वादा किया था, लेकिन राज्य सरकार राहत देने के बजाय उल्टा लोगों की जेब काट रही है.
कर्नाटक में कांग्रेस प्रशासन को ‘खटा-खट लूट मॉडल’ बताते हुए बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस द्वारा कर्नाटक में पहले बिजली, दूध और पेट्रोल-डीजल अब पानी की दरें बढ़ाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य का खजाना लूट लिया है, इसलिए अब वह महिलाओं को एक लाख रुपये देने के बजाय जजिया कर लगा रही है. यह सरकार किसानों, मध्यम वर्ग और आम आदमी को लूट रही है. इसे खाटा-खट लूट मॉडल कहा जाता है.
पेट्रोल, बिजली के बाद अब पानी की बारी
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने पिछले हफ्ते ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 3 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया था. बीते साल राज्य की कांग्रेस सरकार ने बिजली दरों में बढ़ोतरी की थी. जून 2023 में कर्नाटक में ऊर्जा लागत और बिजली दरों में 2.89 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे जनता को 200-यूनिट स्लैब से अधिक बिजली का इस्तेमाल करने पर 2.89 रुपये प्रति यूनिट अतिरिक्त भुगतान करना होगा. बीबीएमपी ने 2023 में आवासीय भवनों के लिए पेयजल चार्ज में लगभग 10 प्रतिशत और कॉमर्शियल स्थानों के लिए 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग की थी.