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बच्चों के भविष्य से खिलवाड़: सरकारी स्कूल के ‘मिस्टर इंडिया’ टीचरों के खिलाफ बच्चों ने खोला मोर्चा, SDM दफ्तर का किया घेराव

तखतपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के तखतपुर के मोढ़े गांव के छात्रों ने सरकारी स्कूलों की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति और अनियमितताओं को लेकर उन्होंने सोमवार को एसडीएम ज्योति पटेल के दफ्तर का घेराव किया. छात्रों का कहना है कि स्कूलों में शिक्षक बिना उपस्थित हुए भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा लेते हैं. गोटिया दंपत्ति शिक्षक छात्रों से दुर्व्यवहार करते हुए कहते हैं कि उनके परिजन मजदूर हैं और वे भी बड़े होकर यही काम करेंगे.

बच्चों का कहना है कि स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक साल में केवल कुछ ही बार स्कूल आते हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज होती है. इस लापरवाही के कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है, और वे परीक्षा में फेल हो रहे हैं. छात्रों ने मिड डे मील की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने बताया कि मिड डे मील में निर्धारित डाइट चार्ट का पालन नहीं हो रहा और भोजन की गुणवत्ता बहुत खराब है. कई बार बच्चों को खाने में मिलावट और कमी की शिकायतें मिली हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

बता दें कि मोढ़े गांव की छात्र-छात्राएं अपने स्कूल में ताला लगाकर ऑटो से एसडीएम ज्योति पटेल के दफ्तर पहुंचे थे. उन्होंने अपनी समस्याओं को विस्तार से बताया और समाधान की मांग की. एक छात्रा ने बताया कि अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद भी गांव में गोटिया दंपत्ति अपनी अंग्रेजी हुकूमत चला रहे हैं और छात्रों को पढ़ाई से हतोत्साहित कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षकों की इस लापरवाही के कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में है.

छात्र-छात्राओं ने एसडीएम ज्योति पटेल से आग्रह किया कि वे उनके स्कूल की व्यवस्था में सुधार करें. जिसपर एसडीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द ही किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह गंभीर विषय है और बच्चों की शिक्षा में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे. तखतपुर ब्लॉक के शिक्षा अधिकारी जितेंद्र शुक्ला से भी उम्मीद की जा रही है कि वे इस स्थिति में सुधार लाएंगे, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ. हालांकि, अब देखना यह होगा कि अधिकारियों के आश्वासनों का क्या असर होता है और क्या सुधार होता है. बच्चों ने साफ कह दिया है कि अगर समय रहते इस पर कोई सुधार नहीं हुआ, तो वे अपने परिजनों के साथ मिलकर बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे और शिक्षा विभाग की लापरवाही की पोल खोल देंगे.

बहरहाल, तखतपुर ब्लॉक में मिस्टर इंडिया जैसे टीचरों की मनमानी और धृतराष्ट्र बने अधिकारियों की लापरवाही कब तक चलेगी, यह तो समय ही बताएगा. लेकिन छात्रों का संघर्ष यह साबित करता है कि वे अपने अधिकारों और शिक्षा के लिए अब पीछे हटने वाले नहीं हैं.

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