पड़ोसी देश म्यांमार से भारत और मिजोरम में हो रही सुपारी तस्करी की जांच सीबीआई करेगी। गुवाहाटी हाईकोर्ट की आइजोल बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता रुआटफेला नू वनरामचुआंगी की ओर से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आदेश दिए।
मंगलवार को न्यायाधीश जोथनखुमा और न्यायमूर्ति मार्ली वानकुंग की पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह अपराध वाणिज्यिक लेन देन से जुड़ा है। इसकी जांच सीबीआई कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की तस्करी की जांच करने में राज्य पुलिस असमर्थ रही है। सीबीआई मामले की पूरी जांच करके और जरूरत पड़ने पर मुकदमा दर्ज करके सही निष्कर्ष पर पहुंचे।
गुवाहाटी हाईकोर्ट की आइजोल बेंच में रुआटफेला नू ने जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मिजोरम सरकार सुपारी की तस्करी पर लगाम लगाने में नाकाम रही है। उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि देश में म्यांमार के जरिये दक्षिण मिजोरम के चम्फाई जिले से हो रही सूखी सुपारी की तस्करी को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।
पिछले कुछ सालों में मिजोरम में वर्मी सुपारी की तस्करी बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। इसमें नेताओं-अधिकारियों और सुपारी तस्करों के बीच सांठगांठ के आरोप लगे हैं। जब सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो मिजोरम के स्थानीय सुपारी उत्पादकों ने तस्करी पर लगाम लगाने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में चेक पोस्ट बनाकर वाहनों की चेकिंग शुरू की। इस दौरान उत्पादकों ने सुपारी ले जाने वाले वाहनों को जला दिया था।