चंडीगढ़: मोहाली की अदालत ने ड्रग रैकेट के सरगना और पूर्व पुलिस उपाधीक्षक जगदीश सिंह भोला को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 10 साल की कैद ए बा-मशक्कत यानी सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने करीब 6 हजार करोड रुपये के ड्रग तस्करी के इस मामले में पूर्व डीएसपी भोला समेत 17 आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसका भुगतान न करने पर उन्हें एक और साल जेल में बिताना पड़ सकता है.
इस मामले में कुल 23 आरोपी थे, इनमें से चार की मौत हो चुकी है और दो आरोपी भगोड़ा घोषित हो चुके हैं. ऐसे में मोहाली कोर्ट ने इस मामले में जगदीश भोला समेत मनप्रीत, सुखराज सुखजीत सुख और मनिंदर को 10 साल की सजा सुनाई है. वहीं भोला की पत्नी गुरप्रीत कौर को 3 साल की सजा सुनाई गई है. इस मामले में चार्जशीट में नामित भोला के दूसरे साथियों को भी सजा सुनाई गई है. इनमें से सात को चार साल, पांच को पांच साल और एक महिला और एक बुजुर्ग आरोपी को पीएमएलए के विभिन्न धाराओं के तहत तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है.
भोला पंजाब पुलिस का DSP रहा है. वह पहले पहलवान रह चुका है और उसने एशियन गेम में भी भाग लिया था. यह ED का एक ऐतिहासिक केस रहा है, जिसमें एक साथ इतने आरोपियों को सजा सुनाई गई है. भोला को 1 बार नवंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था. बाद में ईडी ने उन्हें हिरासत में लेकर उनसे और उनके करीबियों के खिलाफ दर्ज ड्रग केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बारे में पूछताछ की थी. भोला को मोहाली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने ड्रग्स तस्करी से जुड़े तीन मामलों में 24 साल की सजा सुनाई थी.