Tej Pratap Yadav: जमीन के बदले नौकरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के बाद तेजप्रताप यादव भी फंस गए हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तेजप्रताप को पहली बार समन भेजा है। 7 अक्टूबर को उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा। कोर्ट ने इस मामले में लालू-तेजस्वी और तेजप्रताप समेत कुल 8 लोगों को समन भेजा है।
तेजप्रताप यादव का नाम पहली बार केस में इस तरह से आया है। कोर्ट ने 7 अक्टूबर को एपियर होने को कहा है। बता दें कि ED ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। इनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं राजद प्रमुख लालू यादव के करीबी सहयोगी अमित कात्याल को दिल्ली हाई कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी है।
कोर्ट ने कहा कि यादव परिवार के नाम पर जमीन का ट्रांसफर हुआ। लालू यादव मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे। तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत है। कोर्ट ने कहा कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर जमीन को ट्रांसफर किया जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई. इसमें किरण देवी के पति भी शामिल थे।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि एके इंफोसिस्टम द्वारा बिहार के राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में जमीन ट्रांसफर की गई थी। तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य हैं और मनी लॉन्ड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि मामले में तेज प्रताप यादव को भी समन जारी किया जाता है। लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव समेत सभी आरोपितों को 7 अक्टूबर को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया। अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।
क्या है लैंड फॉर जॉब केस
दरअसल, जमीन के बदले नौकरी का यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे। लालू यादव पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने पदों का दुरुपयोग किया और रेलवे में ग्रुप डी के पोस्ट पर कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी. पिछले महीने कोर्ट ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। 11 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से तीन की मौत हो चुकी है. इस मामले में लालू यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती की कोर्ट में कई बार पेशी हो चुकी है।