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Telangana: सीएम रेवंत रेड्डी ने लॉन्च किया फसल ऋण माफी का दूसरा चरण, छह लाख से ज्यादा किसान होंगे लाभान्वित

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने आज अपनी सरकार की फसल ऋण माफी योजना का दूसरा चरण लॉन्च किया है। जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत 6,198 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, जिससे छह लाख 40 हजार किसान परिवारों को लाभ होगा।

दूसरे चरण में 1.50 लाख रुपये तक के कर्ज होंगे माफ
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने विधानसभा परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में कर्जमाफी के लिए धन वितरण के दूसरे चरण की शुरुआत की। बता दें कि 18 जुलाई को पहले चरण में एक लाख रुपये तक के कर्जदार किसानों के कर्ज माफ किए गए थे, जबकि दूसरे चरण में 1.50 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जा रहे हैं।

इस मौके पर सीएम रेवंत रेड्डी ने याद दिलाया कि कांग्रेस ने 2022 में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में वारंगल में आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में ‘रायथु घोषणा’ के रूप में वादा किया था कि किसानों की मदद के लिए दो लाख रुपये तक के ऋण माफ किए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बीआरएस सरकार अपने 10 साल के शासन के दौरान कुल 25 हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ करने के अपने वादे को ठीक से पूरा नहीं कर सकी।

आजादी के बाद किसी सरकार ने ऐसा नहीं किया- सीएम
सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, हमने लगभग 18 लाख किसानों के 1.50 लाख रुपये तक के कर्ज माफ करके अपनी ईमानदारी साबित की है। अगस्त में दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करके हम किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्त करना चाहते हैं, जैसे अगस्त में देश को आजादी मिली थी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से किसी भी राज्य ने 31 हजार करोड़ रुपये की कर्ज माफी लागू नहीं की है, जैसा कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार कर रही है, जो देश के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।

किसानों के आत्मसम्मान की रक्षा का प्रयास- रेवंत रेड्डी
सीएम रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए पूर्णकालिक निपटान कर रही है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने पिछली बीआरएस सरकार की तरफ से लिए गए ऋणों पर छह महीने में ब्याज के रूप में 43 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र में कांग्रेस की सरकारों ने ही हरित क्रांति, नागार्जुन सागर जैसी सिंचाई परियोजनाएं, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 72 हजार रुपये के कृषि ऋण माफी और बीज और उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान करने जैसे अग्रणी उपायों को लागू किया।

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