UP 69000 Teachers Recruitment: यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. 69000 शिक्षक भर्ती मामले में मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया निर्णय. सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में नहीं अपील करेगी. हाई कोर्ट के दिए निर्देश का पालन किया जाएगा. 3 महीने में सरकार 69000 शिक्षक भर्ती मामले में नई लिस्ट जारी करेगी.
दरअसल, मामले पर प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार है, यानी कि फिलहाल योगी सरकार 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी. 69000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हाईकोर्ट के निर्णय के सभी तथ्यों से अवगत कराया गया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए गए कि सुप्रीम कोर्ट के ऑबजर्वेशन एवं माननीय हाईकोर्ट के निर्णय के संबंध में विभाग कार्यवाही करे.
सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए. साथ ही किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.
क्या है हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की 1 जून 2020 को जारी चयन सूची व 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं. यह भी निर्णय दिया है कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए जाने वाले ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ, क्षैतिज आरक्षण को भी देना होगा.
UP 69000 Teachers Recruitment
इसके साथ ही न्यायालय ने इसी भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज करने के एकल पीठ के निर्णय में कोई हस्तक्षेप न करते हुए तीन माह में नई सूची जारी करने की कार्रवाई पूरी कर लेने को कहा है. न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि नई सूची तैयार करने के दौरान यदि वर्तमान में कार्यरत कोई अभ्यर्थी प्रभावित होता है तो उसे सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े. माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के फैसले से बड़ी संख्या में टीचरों की नौकरी जाएगी.