देखो ओ दीवानों तुम ये काम न करो महादेव का नाम बदनाम न करो। ये गाना आज छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने महादेव एप सट्टा के जांच का मामला सीबीआई को देने की सूचना दे कर गा दिया है। कांग्रेस शासनकाल में घोटालों की फेरहिस्त इतनी लंबी है कि भाजपा को दस साल तो घोटालों की जांच करवाने के लिए देना पड़ेगा, पांच साल कम पड़ेंगे। केंद्र स्तर की जांच एजेंसी को प्रदेश में जांच के लिएअलग छत्तीसगढ़ विंग बनाना पड़ेगा। राज्य सरकार कुछ मामलों में अपनी जांच एजेंसियों से जांच करवा रही है,कुछ मामले ऐसे है जिसमें सरकार को उन चेहरों को सामने लाना है जिसके लिए केंद्रीय जांच एजेंसी ही दमखम रखती है। लोक सेवा आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा किए गए विवादास्पद चयन का मामला सीबीआई को सौंपा जा चुका है।आज महादेव सट्टा मामला भी सीबीआई को सौंपने का अधिकृत निर्णय पर मुहर लग गया है।
ऑन लाइन सट्टा देश के लिए नई बात नहीं है।ऑन लाइन सट्टा से पहले ऑफ लाइन सट्टा चलता ही था।रतन खत्री का नाम सट्टा जगत में बड़े आदर के साथ लिया जाता है। इंटरनेट की दुनियां आई तो बहुत सारी चीजें ऑन लाइन हो गई। सट्टा कैसे अछूता रह जाता? हमारे देश के अघोषित राष्ट्रीय खेल क्रिकेट में एक जमाने में ऑफ लाइन सट्टा खेला जा चुका है। टीम के भूतपूर्व कप्तान अजहरुद्दीन इसमें लपटा चुके है।अब तो ऑन लाइन का जमाना है।राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा खुद प्रमोट कर रहे है, बस ये जरूर कहते है लत लगने का जोखिम है। इतने में भी खरबों रुपए का खेल हो जाता है. इससे प्रभावित होकर दुर्ग जिले के कुछ होनहार लोगो ने संरक्षण में महादेव सट्टा को जन्म दिया, पोषित किया , लूट और घोटाले के पैसे को ठिकाने लगाने का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम किया। अगर सही तरीके से काम किए होते तो दुनियां में बहुत से लोग इस धंधे में लगे है उनकी जांच नहीं हो रही है वर्मा सॉरी वरना जांच क्यों होती।
छत्तीसगढ़ में बीते शासन में पुलिस विभाग ही महादेव सट्टा को पोषित कर रहा था।एक वर्मा चांद भूषित किए करोड़ो रुपए इकट्ठा करता और रायपुर के पूर्व जिलाधिकारी सहित सलाहकारों को बांटते फिरता। धरा गए, कुछ पांडव पुत्र धारित नामो सहित एक वर्ग विशेष के लोग ही लाभान्वित होते दिख रहे थे तो पेट में दर्द होना था ठोक दिए शिकायत। घुस गई केंद्रीय जांच एजेंसी। पुरानी सरकार छोटी छोटी मछली पकड़ कर खुद को ईमानदार बता रही थी लेकिन चुनाव के समय विवादास्पद रूप से करोड़ो रुपए एक होटल के नीचे से जप्त हो गए। कुछ लोग अवतरित भी हुए। अब सरकार बदली तो बहुत कुछ बदला है।
सीबीआई के आने का मतलब साफ है कि बड़ी मछलियां पकड़ी जाएगी। सलाह देने वाले पहले भी एक गोरख धंधा किए बैठे है। टेक्नोलॉजी प्रेमी सलाहकार राजधानी में बैठकर बहुत कुछ किए है, किसके लिए, क्यों, कितना, सीबीआई है ना