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शिक्षक की अनोखी भक्ति: 35 वर्षों से तालाब के बीच पानी में पद्मासन लगाकर श्रीरामचरितमानस का पाठ, विरासत में मिली है यह कला

धार। मध्य प्रदेश के धार जिले के जीरापुर स्थित 64 योगिनी मानसरोवर माता मंदिर में एक भक्त की अनोखी भक्ति को देख श्रद्धालु आश्चर्यचकित है। 60 वर्षीय अशोक दायमा नामक एक शिक्षक पिछले 35 वर्षों से लगातार मानसरोवर तालाब के गहरे पानी में पद्मासन लगाकर रामचरितमानस के 120 दोहों का पाठ करते आ रहे हैं।

नवरात्रि पर विशेष अनुष्ठान
नवरात्रि पर्व का दौर चल रहा है। हर कोई भक्त माता की आराधना और भक्ति में लगे हुए हैं। अलग-अलग तरीके से लोग पूजा कर रहे हैं। ऐसे ही अनोखी भक्ति क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। नवरात्रि पर अशोक दायमा ने एक बार फिर तालाब में अपना अनूठा अनुष्ठान शुरू किया है। वे हर दिन 2 से 3 घंटे तक गहरे पानी में पद्मासन लगाकर रामचरितमानस के 120 दोहों का पाठ करते हैं। एक हाथ में शंख तो दूसरे हाथ में रामायण लिए वे शंखनाद करते हुए रामचरितमानस का पाठ करते आ रहे हैं।

35 वर्षों से करते आ रहे हैं पद्मासन क्रिया
तालाब के गहरे पानी के बीच दोनों पैर पालकी बनाकर लेटे रहना अपने आप में एक अनोखी क्रिया है। उनसे चर्चा की तो उन्होंने बताया कि वह यह क्रिया बीते 35 वर्षों से करते आ रहे हैं और प्रतिदिन व मानसरोवर माता मंदिर तालाब में आकर रामचरितमानस का पाठ करते हैं। अशोक दायमा ने बताया कि, उन्हें यह कला उनके पिता से विरासत में मिली है। जब वे 10 साल के थे तो उनके पिता ने उन्हें तैरना और पद्मासन करना सिखाया था। तब से ही वे लगातार यह अनुष्ठान करते आ रहे हैं।

लोगों के लिए है प्रेरणा का संदेश
तालाब में प्रतिदिन क्रिया के दौरान बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु उन्हें देखते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने उनके परिवार में बच्चों सहित कई लोगों को तैरना वह यह क्रिया सिखाई है। बुजुर्गों द्वारा मिली इस विरासत को आगे भी बढ़ाना चाह रहे हैं। जिससे कि वाली पीढ़ी भी पानी में लेटे रहने की क्रिया को सीख सके।

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