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हाथी घोड़ा पालकी, पराजय कन्हैया लाल की

रायपुर दक्षिण विधान सभा उप चुनाव में आखिरकार खेला हो गया। कांग्रेस की भीतरी कलह सामने आ गई जब पिछले विधान सभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल की लीड को घटा कर 17हजार में लाने वाले कन्हैया लाल अग्रवाल ने विरोध स्वरूप फॉर्म भरने पहुंच गए।,ये बात अलग है कि बड़े नेताओं के चलते कन्हैया लाल अग्रवाल ने फॉर्म नहीं भरा लेकिन इसके कई मायने राजनीति के गलियारे में अफवाह के रूप में उड़ने लगी है।

कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी आकाश शर्मा को रायपुर दक्षिण से टिकट उनके श्वसुर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनैतिक सलाहकार राजेश तिवारी के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की निकटता के कारण मिला है। आमतौर पर पिछले चुनाव में पराजित प्रत्याशी को मौका मिलने का चलन है। कन्हैया लाल अग्रवाल मान कर चल रहे थे कि पहला नाम उनका होगा लेकिन कांग्रेस की सूची के संभावित नामों में दूर दूर तक नाम नहीं था। संभवतः बाबा साहब के गुट के होने का ये नुकसान भी हुआ।

ब्रज मोहन अग्रवाल बोल चुके है कि कांग्रेस में ही कई कांग्रेस है,उनके अंतर्कलह का परिणाम है कि दिग्गज प्रत्याशियों के बजाय कांग्रेस ने वंशवाद को बढ़ावा दिया है। फिर से ज्ञात हो कि आकाश शर्मा,राजेश तिवारी के दामाद है। राजेश तिवारी परिवारवाद को कांकेर नगर पालिका चुनाव में अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा कर जमानत जप्त करा चुके है।राजेश तिवारी आशान्वित है कि आकाश शर्मा पसीना बहाने वाले प्रत्याशी है जिनका पाला पैसे वाले बृज मोहन अग्रवाल के चहेते प्रत्याशी सुनील सोनी से पड़ा है। राजेश तिवारी ने एक व्यक्तव्य भी जारी किया है और बृजमोहन अग्रवाल को पार्टी साइ लाइन करने की बात भी कही है।

ये सर्वविदित है कि 1989से 2024तक बृज मोहन अग्रवाल अपराजेय रहे है।।ब्रज मोहन अग्रवाल से कांग्रेस, आठ बार हार चुकी है। इस बार बृज मोहन अग्रवाल नहीं है लेकिन उनकी प्रतिष्ठा तो है और जिस सुनियोजित ढंग से भाजपा के कार्यकर्ता लगे है उसके सामने प्रदेश के एनएसयूआई के कार्यकर्ता कितने वोट आकाश को दिला पाएंगे मायने रखेगा।
कांग्रेस के एक पदाधिकारी का कहना है कि पुरानी बस्ती के अग्रवाल और ब्राह्मण पारा के वोटर्स एक तरफ भाजपा की तरफ जाएंगे और सुनील सोनी को जीतने के लिए इतना काफी है।रही सही कसर कई गुट में बंटी कांग्रेस के नेता निकालेंगे। प्रमोद दुबे,ज्ञानेश शर्मा , को टिकट न मिलने से दक्षिण के ब्राह्मण नाराज है।

कन्हैया लाल अग्रवाल ने विरोध जता ही दिया। उन्होंने ये भी कहा कि उनके साथ खेला हो गया है। उनके फॉर्म न भरने के पीछे की कहानी में “थैली राजनीति” की कहानी हवा में है। पांच साल मे किए गए खर्चे का हिसाब किताब बराबर जो करना था। पिछले पांच साल से छाया पराजित विधायक बन कर कन्हैया लाल अग्रवाल सक्रिय थे लेकिन कांग्रेस ने उनको “फिल्मी कन्हैया लाल बना दिया।”हाथी घोड़ा पालकी

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