Breaking News

ट्रेन में गांजा तस्करी, 4 कॉन्स्टेबल सहित 6 अरेस्ट: बिलासपुर में स्मगलिंग रोकने वाली टीम के थे सदस्य, कमाई देखकर खुद करने लगे कारोबार

रायपुर ATS और रेंज साइबर ने 2 गांजा तस्कर और GRP के 4 कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया है। इनमें गांजा तस्कर और 2 कॉन्स्टेबल को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं, 2 कॉन्स्टेबल को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। इनमें से एक कॉन्स्टेबल कोकीन के साथ पहले भी पकड़ा गया था, उसे 10 महीने की सजा भी हुई थी। दरअसल, छत्तीसगढ़ में ट्रेनों में गांजा समेत प्रतिबंधित सामानों की तस्करी रोकने के लिए GRP ने एंटी क्राइम टीम बनाई है। गांजे में अधिक कमाई देख टीम के सदस्य ही भी तस्करों के साथ जुड़ गए। साथ ही उनके संरक्षक बन गए और जब्त गांजे का अवैध कारोबार भी शुरू कर दिया।

बिलासपुर रेंज के आईजी को जीआरपी बिलासपुर के कांस्टेबलों की अवैध गतिविधियों की शिकायत मिली थी। बताया गया था कि, किस तरह जीआरपी की एंटी क्राइम टीम गांजा तस्करी के अवैध कारोबार में लिप्त है। आरोप लगा कि पुलिस के बड़े अफसरों ने किस तरह से सुनियोजित प्लानिंग कर अवैध वसूली के लिए इन आरक्षकों की टीम बनाई है।

इस टीम का गठन ट्रेनों में चोरी करने वाले गिरोह की पतासाजी और मादक पदार्थ गांजा सप्लायरों की धरपकड़ के लिए बनाया गया था। लेकिन, बड़े पैमाने पर अवैध उगाही और तस्करी की जाने लगी। अफसरों के संरक्षण में फल फूल रहे इस अवैध कारोबार की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इस पर बड़े अफसरों के शामिल होने के आरोप लगने के बाद IG ने एक्शन लेने के बजाय शिकायत पुलिस मुख्यालय भेज दिया। जिसके बाद इसकी जांच की जिम्मेदारी रायपुर ATS की टीम को दी गई। बताया जा रहा है कि पिछले 6 महीने से टीम के सदस्य इन चारों आरक्षकों को ट्रैक कर रहे थे। लेकिन पिछले तीन-चार माह से GRP के सभी आरक्षक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे थे।

24 अक्टूबर को जीआरपी में 10-10 किलो ग्राम गांजा जब्त कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। GRP की टीम के गांजा तस्करों की जानकारी मिलते ही ATS की टीम जांच के लिए बिलासपुर पहुंच गई। इस दौरान जबलपुर निवासी गांजा तस्कर योगेश सौंधिया (39) और उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के तस्कर रोहित द्विवेदी (32) को टीम अपने साथ लेकर रायपुर चली गई।

जहां पूछताछ में उन्होंने GRP के आरक्षक संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन, मन्नू प्रजापति, सौरभ नागवंशी के नाम बताए। जिसके बाद चारों आरक्षकों के पकड़ने के लिए टीम बनाई गई। गांजा तस्करी के इस केस में GRP के एंटी क्राइम टीम के आरक्षकों का नाम सामने आते ही आनन-फानन में इस केस को रेंज साइबर थाने में ट्रांसफर किया गया, जिसके बाद इन आरक्षकों की तलाश शुरू की गई।

साइबर सेल के टीआई राजेश मिश्रा के नेतृत्व में एएसआई हेमंत आदित्य, हेड कॉन्स्टेबल बलबीर सिंह, कॉन्स्टेबल सरफराज खान, विकास यादव, महादेव यादव की टीम आरोपियों की तलाश कर रही थी। इस दौरान चारों आरोपियों को पुलिस की इस कार्रवाई की भनक लग गई थी। लिहाजा, वो भागने की फिराक में थे। तभी पुलिस की टीम ने रविवार की रात उन्हें दबोच लिया।

बताया जा रहा है कि, आरक्षक संतोष राठौर और लक्ष्मण गाइन विभाग के बड़े अफसरों के संरक्षण में अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे थे। रायपुर ATS की टीम ने उनके मोबाइल की तकनीकी जांच कराई है। जिसके बाद बड़े अफसरों को बचाने का खेल भी शुरू हो गया है। हालांकि, अभी गांजा तस्कर, दो आरक्षक संतोष राठौर और लक्ष्मण गाइन को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उनसे पूछताछ कर आगे की जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं, दो अन्य आरक्षकों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

आरक्षक लक्ष्मण गाइन 123 ग्राम कोकीन के साथ 24 सितंबर 2020 को पकड़ा गया था। इसके बाद यह 10 महीने जेल में बंद था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ। फिर जेल से निकलने के बाद इसने पहले पुलिस एसपी (रेल) मिलना कुर्रे से बिलासपुर जीआरपी में जाने की अनुमति मांगी, इसके बाद उसे यहां भेजा गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *