Manipur: मणिपुर में ताजा हिंसा के बाद हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। स्थिति ये है कि नागरिक संगठनों ने सोमवार को मणिपुर में हुई एनडीए सरकार की बैठक के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। नागरिक संगठनों की मांग है कि सरकार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। मणिपुर में फिलहाल क्या हालात हैं और कैसे राज्य में फिर से हिंसा का दौर शुरू हुआ है, ऐसे ही सवालों के जवाब 10 पॉइंट में जानते हैं।
10 पॉइंट में जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
- मणिपुर में बीते साल मई से जातीय हिंसा चल रही है, जिसमें अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुई हैं। हिंसा राज्य में लगातार जारी है, लेकिन इस माह की शुरुआत में जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके तीन बच्चों की हत्या के बाद से बवाल बढ़ गया है।
- जिरीबाम की घटना के विरोध में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और प्रदर्शनकारियों ने हाल के दिनों में कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की है। जिरीबाम में पुलिस की गोली से एक प्रदर्शनकारी की मौत का भी आरोप है। इससे भी तनाव बढ़ गया है।
- हिंसा को देखते हुए असम ने मणिपुर से लगती अपनी सीमा को सील कर दिया है। सीमा पर पुलिस तैनात कर दी गई है ताकि असामाजिक तत्व सीमा पार कर असम में न दाखिल हो सकें।
- एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भारी दबाव में है और बीरेन सिंह को पद से हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। एनडीए की सहयोगी एनपीपी ने भी मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और नेतृत्व परिवर्तन करने की मांग की है।
- सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम एन बीरेन सिंह ने एनडीए विधायकों की बैठक बुलाई, जिसमें 38 विधायकों में से सिर्फ 26 विधायक पहुंचे और बाकी बिना किसी वजह के गैरहाजिर रहे। ऐसे में एन बीरेन सरकार के घटते बहुमत ने भी कई सवाल खड़े किए हैं।
- सीएम कार्यालय में हुई बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें राज्य में फिर से अफस्पा लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग, कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और अहम मामलों की जांच एनआईए से कराने की मांग की गई है।
- मैतई समुदाय के प्रतिनिधि संगठन कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रेशन ने सरकार के प्रस्तावों से असंतोष जाहिर किया है और मांग की है कि जिरीबाम में निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही संगठन ने कहा कि हिंसा सिर्फ जिरीबाम में ही नहीं हो रही है बल्कि राज्य के विभिन्न इलाकों में हिंसा जारी है, उन्हें रोकने के लिए भी सख्त कदम उठाए जाएं।
- कुकी समुदाय के विद्रोही समूहों एसओओ के साथ हुए समझौते को भी रद्द करने की मांग की गई है। बता दें कि ये एसओओ समूह के सदस्य कैंपों में रहते हैं और उनके हथियार भी संरक्षित रहते हैं, जिन पर सुरक्षा बलों और एसओओ के सदस्यों द्वारा नजर रखी जाती है। बीते साल फरवरी में ये समझौता खत्म हो गया था, लेकिन अब इस बात की जानकारी नहीं है कि ये समझौता लागू है या नहीं। ऐसे में मैतई नागरिक संगठन की मांग है कि इन एसओओ समूहों को गैरकानूनी घोषित किया जाए और केंद्र सरकार के साथ उनके समझौते को भी रद्द किया जाए।
- मैतई नागरिक संगठन ने राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि सरकार प्रस्तावों की समीक्षा करे और अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो वे आंदोलन तेज करेंगे और मणिपुर में सभी राज्य और केंद्रीय कार्यालयों को बंद कराया जाएगा।
- मणिपुर में बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में पांच हजार अतिरिक्त केंद्रीय बल के जवान भेजने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार नई दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें कर मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।