ओडिशा विधानसभा शनिवार को विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) के हंगामे के कारण एक घंटे के लिए स्थगित हो गई। दरअसल, बीजद ने अपने शासनकाल के दौरान सरकारी भर्ती में अनियमितताओं के आरोप पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से स्पष्टीकरण की मांग की थी। माझी ने शुक्रवार को विधानसभा में ओडिशा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक पेश करते हुए आरोप लगाया कि बीजद शासन के दौरान सरकारी भर्तियों पर बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। उनके शासन के दौरान नौकरियां लाखों रुपये में बांटी गईं। हालांकि, बीजद ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और इन आरोपों को साबित करने के लिए कहा।
शनिवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान बीजद सदस्य सदन के वेल में आ गए और मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। सदन केवल तीन मिनट तक ही चल पाया और स्पीकर सुरमा पाढ़ी ने इसे स्थगित कर दिया। जब बीजद सदस्य वेल में जाकर सीएम के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, तब पार्टी प्रमुख नवीन पटनायक सदन में ही मौजूद थे।
हालांकि, शनिवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सदन में मौजूद नहीं थे। वह मयूरभंज जिले में राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू के कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। सीएम माझी के आरोप को खारिज करते हुए, बीजद सदस्य गणेश्वर बेहरा ने कहा, “मुख्यमंत्री को उन लोगों पर मामला दर्ज करने दें जो कथित अनियमितताओं में शामिल थे। उन सभी को कैमरे के सामने लाएं।”
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ओडिशा दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने अपने जन्मस्थल का दौरा किया। 25 जुलाई 2022 में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद वह पहली बार अपने जन्मस्थल उपरबेड़ा गांव पहुंचीं। यहां पहुंचकर उन्होंने बच्चों से मुलाकात की और अपने शिक्षकों को सम्मानित भी किया। उन्होंने उपरबेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय के लगभग 200 छात्रों को चॉकलेट और टिफिन बॉक्स वाला स्कूल बैग उपहार में दिया।