रायपुर। छत्तीसगढ़ में वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का आदेश जारी कर दिया गया है। दो कंपनियों के माध्यम से लगाया जाना है। छत्तीसगढ़ में जो दो कंपनियों को काम दिए जाने की चर्चा है उनमें मेसर्स रियल मेजॉन इंडिया लिमिटेड और मेसर्स रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम का नाम सामने आया है। पूर्व में परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा के समय तय हुई इन कंपनियों में से एक रोसमेर्टा पहले से ही आठ राज्यों में शिकायतें है। रोसमेर्टा को आठ राज्यों से कई शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है, जहां उन्हें अनुबंध दिए गए थे। मध्य प्रदेश ने पहले ही अपना अनुबंध समाप्त कर दिया है।
शिकायत में दावा किया गया है कि नागपाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित किया गया था और उन्हें आरोप पत्र भी दाखिल किया गया था। नागपाल को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा 2007 को पांच साल के लिए सुरक्षा बाजार तक पहुंचने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। रोसमार्टा टेक्नोलॉजीज होल्डिंग्स लिमिटेड यूके के माध्यम से रोसमार्टा टेक्नोलॉजीज के हवाला लेनदेन का भी उल्लेख है, जिनके निवेश मॉरीशस में पंजीकृत लोटस ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड थे।
पूरे मामले में एक विवादित कंपनी को निविदा दिए जाने के मामले पूर्व सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर काम देने पर आपत्ति हो सकती है। छत्तीसगढ़ सरकार को हाईसिक्यूरिटी नंबर प्लेट के मामले में पूरी सावधानी के साथ पूर्व के निर्णयों पर फिर से विचार करना चाहिए। जिन कंपनियों पर भ्रष्टाचार और गड़बड़ी का आरोप पहले से लगा हुआ है और उनके ओनर पर सीबीआई में मामले हैं उनको प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। अन्यथा हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट के माध्यम से हाईपॉवर का बवाल यहां भी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।