यूपी के इन्वेस्टर्स समिट में 80 करोड़ का एमओयू करने वाली मेरठ की विश्वकर्मा ग्रुप के ठिकानों पर IT की रेड पड़ी है। मंगलवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने विश्वकर्मा बिल्डर्स के तीनों पार्टनर कमल ठाकुर, प्रदीप गुप्ता उर्फ पिंकी और संजय जैन के घर छापा मारा है।
आयकर विभाग की टीमों ने एक साथ इन तीनों के यहां रेड डाली है। इसमें प्रदीप गुप्ता उर्फ पिंकी जो पूर्व पार्षद भी है। इनके ऑफिस पर टीमें पहुंची हैं। वहीं कमल ठाकुर और संजय जैन के घर पर रेड करने टीमें पहुंची है। बताया जा रहा है कि इन तीनों ने मिलकर एक साथ बागपत रोड पर विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप किया।
इसके अलावा शहर में भी इन तीनों के कई प्रोजेक्ट एक साथ चल रहे हैं। इनके प्रोजेक्ट़स में कुछ पेपर मिल कारोबारियों की भी साझेदारी बताई जा रही है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इनके द्वारा टैक्स चोरी करने की सूचना मिली थी। इसी शक पर टीम ने तीनों लोगों के यहां एक साथ रेड डाली है।
शहर के दूसरे उद्यमियों में मची खलबली
इनकम टैक्स की टीम ने कमल ठाकुर और संजय जैन के न्यू शंभूनगर स्थित घर में रेड डाली है। वहीं प्रदीप गुप्ता उर्फ पिंकी के टीपीनगर में ऑफिस में टीमें पहुंची हैं। प्रदीप गुप्ता वही हैं जिसने यहां लगभग 7 महीने पहले नेपाली नौकर ने चोरी की थी। प्रदीप गुप्ता के यहां काम करने वाला नेपाली नौकर मालिकों की अनुपस्थिति में पूरा घर खंगालकर चोरी करके चला गया था।
गाजियाबाद, मेरठ टीम का ज्वाइंट ऑपरेशन
जिस इलाके में इन तीनों पार्टनर्स के घर और ऑफिस हैं वो शहर का मुख्य इलाका है। यहां अधिकांश बिजनेसमैन और उद्यमी रहते हैं। तीन बड़े बिजनेसमैन के यहां अचानक सुबह-सुबह टीमों के पहुंचने से दूसरे उद्योगपतियों में भी खलबली मच गई है। कोई इस रेड पर कुछ कहने को तैयार नहीं है। गाजियाबाद और मेरठ इनकम टैक्स की टीम का यह जॉइंट एक्शन है।
यूपी के इन्वेस्टर्स समिट में मेरठ से गया था प्रोजेक्ट
मेरठ से 2018 में 130 करोड़ के 2 प्रोजेक्ट का निवेश प्रस्ताव गया था। इसमें विश्वकर्मा इंडस्ट्री का भी प्रस्ताव था। 130 करोड़ के प्रस्तावों में पहला निवेश प्रस्ताव ही विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज का था। 25 एकड़ जमीन में 80 करोड़ रुपए की लागत से इस विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल स्टेट को विकसित करने का प्रस्ताव पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में गया था। जिसे गृहमंत्री अमित शाह ने स्वयं देखा था।
प्रोजेक्ट के विस्तारीकरण के लिए बिल्डर कमल ठाकुर ने यूपी सरकार से निवेश मांगा था। उनका तर्क था अगर प्रदेश सरकार इसमें निवेश करेगी तो मेरठ में बनने वाले इस निजी औद्योगिक क्षेत्र में 80 से 100 औद्योगिक इकाइयां आसानी से बसर करेंगी और मेरठ सहित पश्चिमी यूपी के युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही उद्योग विस्तार होग। तत्कालीन सहायक आयुक्त उद्योग शैलेंद्र सिंह ने बताया कि सबसे पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में मेरठ से विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज के प्रोजेक्ट का प्रस्ताव भेजा गया था।