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Saurabh Sharma Case: कैश और गोल्ड कांड पर उमा भारती बोलीं- घोटाला गंभीर मसला, इधर उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा- नियुक्ति कैसे हुई जांच वहीं से हो

भोपाल. ‘धनकुबेर’ पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लेकर सियासत जारी है. इस बीच उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर सौरभ शर्मा की नियुक्ति पत्र और पूर्व सीएम उमा भारती का पोस्ट शेयर किया है. वहीं नियुक्ति पत्र पर पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह के हस्ताक्षर होने का दावा किया जा रहा है. उमा भारती का कहना है कि यह घोटाला गंभीर मसला है, जबकि हेमंत कटारे का कहना है कि सौरभ शर्मा की नियुक्ति कैसे हुई जांच वहीं से हो.

उपनेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर लिखा- ‘ बुआ जी, आपके साहस को प्रणाम! जैसा आपने कहा था कि सौरभ शर्मा तो केंचुआ है, अभी तक अजगर पकड़ में नहीं आया है. जैसे-जैसे इस गहराई में उतरेंगे, वैसे-वैसे महा-अपराधी सतह पर आते जाएंगे.
तत्कालीन परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह जी द्वारा इस भ्रष्टाचार के केंचुए को जन्म दिया गया था और इसके प्रमाण भी मैंने सार्वजानिक किए थे लेकिन अब तक उनके ऊपर जांच एजेंसी द्वारा कोई भी अपराध दर्ज नहीं किया गया है. वहीं अब तो भ्रष्टाचार की गठरी का मुंह बांधने की तैयारी पूरी हो चुकी है. बस आखिरी गांठ कसने की देरी है, ताकि बड़े चेहरों को बचाया जा सके’.

हेमंत कटारे ने आगे लिखा- ‘आपसे आग्रह है कि मध्य प्रदेश की सरकार को समझाएं कि जांच तभी साकार होगी जब सौरभ शर्मा को परिवहन विभाग में लाने वाले अजगरौं पर कार्यवाही की जाएगी! अगर सच में इस मामले की गहराई में जाकर जांच करनी है, तो शुरुआत वहीं से होनी चाहिए जहां से सौरभ शर्मा की फर्जी अनुकंपा नियुक्ति हुई. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के आश्रित को परिवहन विभाग में किसने और कैसे नियुक्त किया? जांच की असली गहराई वहीं है! वहीं मुख्यमंत्री जी, आपसे भी सवाल ये है कि इस पाप के भागीदारों को बचाने के लिए आप खुद क्यों भागीदार बन रहे हैं?’

पूर्व सीएम उमा भारती ने एक्स पर लिखा- ‘चेक पोस्ट घोटाले के आरोपी पकड़े गए हैं. अगर जांच में कहीं यह साबित होता है कि इन्होंने अकेले ही यह घोटाले किए हैं तो फिर गहराई में जाने पर यह घोटाला एक गंभीर मसला हो सकता है. जो जांच एजेंसियां जांच में लगी हैं, उनकी दक्षता एवं निष्पक्षता पर लोगों को विश्वास है. अब उन जांच एजेंसियों के लिये यह परीक्षा की घड़ी है कि वह यह बात कहीं खत्म कर देते हैं या गहराई में जाकर के असली महा अपराधियों को पकड़ कर, प्रमाण जुटा कर उन्हें कठोरतम दंड दिला लेते हैं’.

बता दें कि कार, कैश और गोल्ड कांड में आरोपी बढ़ सकते हैं. सौरभ शर्मा, चेतन गौर और शरद जायसवाल से पूछताछ के बाद बेनामी संपत्ति के मालिकों को नोटिस देकर बुलाया गया है. जांच के बाद कुछ अन्य लोगों को भी लोकायुक्त पुलिस आरोपी बना सकती है.

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