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पूर्व मंत्री अकबर के भाई के 218 करोड़ के 10 टेंडर निरस्त

रायपुर। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने घटिया निर्माण के चलते पूर्व मंत्री मो. अकबर के भाई को मिले 10 टेंडर निरस्त कर दिए हैं। इसमें 218 करोड़ रुपये के 10 निर्माण कार्यों के लिए अनुबंध किया गया था। इन निर्माण कार्यों में लेटलतिफी के चलते एक्शन लिया गया। नई सरकार के गठन के बाद नवा रायपुर, रायपुर व दुर्ग-भिलाई को ग्रेटर रायपुर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। ग्रेटर रायपुर फिर से वापस लौट आया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र का विकास होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने योजना तैयार कर ली है। सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने का निर्णय लिया है, जिसमें नवा रायपुर से लेकर रायपुर व दुर्ग-भिलाई की कनेक्टिविटी आसान होगी। अधोसंरचना विकास के साथ ही आमोद-प्रमोद क्षेत्र, आवासीय व व्यवसायिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।

सख्त कार्रवाई के निर्देश : बैठक में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि गुणवत्ताहीन कार्य करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई व अनुबंध समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाएं समय-सीमा में पूरी हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि बार-बार नोटिस देने के बाद भी कई ठेकेदारों की स्थिति नहीं सुधरी। वहीं, स्मार्ट सिटी के ज्यादातर काम गिने-चुने ठेकेदार ही कर रहे हैं। गुणवत्ता प्रभावित होने के साथ-साथ कार्यों में गति भी नहीं आ रही थी।

इसलिए लिया गया निर्णय : आला अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी की समय-सीमा जून 2024 को खत्म हो रही है। ऐसे में प्रोजेक्ट को समय पूरा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। स्कूल, आंगनबाड़ी, बस स्टाफ, गार्डन, पार्किंग आदि को समय-सीमा पर पूरा करने का दबाव है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा अब नए ठेकेदारों से तीव्र गति से काम कराया जाएगा।

पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई को मिला था सारा काम : हैरतअंगेज करने वाली बात यह है कि जिन 10 कामों के टेंडर को पर्यावरण एवं आवास मंत्री ओपी चौधरी निरस्त किए हैं। यह सभी 10 कार्य रायपुर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी को मिला था। जिसके संचालक मोहम्मद असगर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई हैं। गौरतलब है कि इसके पहले मोहम्मद अकबर के पास ही पर्यावरण विकास मंत्रालय का दायित्व था। बताते हैं कि मोहम्मद असगर को काम भी नियमों को अनदेखी करके दिए गए थे, जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। एक साथ सभी करोड़ों के काम मिलने के कारण काम में धीमी गति होने से जनता भी परेशान थी और जनता को सुविधा समय पर नहीं मिल पा रही थी।

क्लब हाउस का काम अधूरा : स्मार्ट सिटी नवा रायपुर में क्लब हाउस का निर्माण कर रही थी। इसका ठेका दो वर्ष पहले 17 करोड़ से जारी किया था। ठेका एजेंसी को क्लब हाउस दिसंबर 2022 तक पूरा करना था। लेकिन सिर्फ 5त्न काम नहीं हुआ। इसी तरह मंत्रालय का सौंदर्यीकरण, तालाब आदि का काम अधूरे हैं। दूसरी एजेंसी को ठेका जारी होगा नवा रायपुर में 240 करोड़ की लागत से 10 बड़े प्रोजेक्ट का ठेका स्मार्ट सिटी ने दिया था। एजेंसी काम नहीं कर रही थी। जून तक काम पूरा करना है। इसलिए सभी ठेके को रद्द कर दिया गया है। अब दूसरी एजेंसी को ठेका जारी किया जाएगा।

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