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पंजा छाप पीए/ओएसडी

ये बातबताने की जरूरत नहीं है कि भाजपा संगठन और राष्ट्रीय सेवक संघ के मेहनत के बल पर भाजपा को छत्तीसगढ़ में सत्ता मिली है। ये बात भी सभी लोग प्रत्यक्ष न सही परोक्ष रूप से जान ही रहे है कि हाथ में आई सत्ता पहले जैसे लगातार रहे इसलिए फूंक फूंक कर पैर रखने की कोशिश भी हो रही है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित गृह मंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा के साथ साथ राष्ट्रीय सेवक संघ सरकार और मंत्रियों के क्रिया कलापो में सीसीटीवी लगाए रखे है। दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ विधायक जो मंत्री पद से वंचित है वे भी घात लगाए बैठे हैं। सभी जान रहे है कि एक गलती का मतलब क्या है।

कुछ जनप्रतिनिधि इस बात से बेखौफ होकर शुरुवात में ही गलती कर चुके है जिसके लिए संगठन और संघ में नाराजगी देखी गई है। सबसे पहले गलती कुछ मंत्रियों के द्वारा पीए और ओएसडी चयन में हो गई है। कांग्रेस के शासनकाल में मंत्रियों के स्टाफ में रह कर बदनाम हुए अधिकारी/कर्मचारियों को वर्तमान सरकार में किसी भी मंत्री के स्टाफ में न रखने के सख्त निर्देश थे।

शासन स्तर पर पहले ही कुछ कर्मचारियों को मंत्रियों के स्टाफ में रखे जाने पर आपत्ति संगठन और संघ स्तर पर की गई। इसके बाद ओएसडी चयन में गलती दोबारा हो गई। कुछ मंत्रियों के स्टाफ में कांग्रेस शासनकाल में मंत्री के स्टाफ में रहे अधिकारी दोबारा ले लिए जाने की शिकायत संगठन और संघ स्तर पर होने पर सारे पीए और ओएसडी की सूची मंगा कर जांच की जा रही है। संभावना इस बात की है गलती को सुधारने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। इसके चलते कुछ पीए और ओएसडी को हटाया जाकर नए कर्मचारियों /अधिकारियो की पोस्टिंग होने की संभावना है। नई सरकार में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियो की नियुक्ति में संघ को अनदेखा किया गया।

प्रदेश के सरसंघचालक पुनेंद्रु सक्सेना को विश्वास में नही लिया गया।नतीजा ये निकला है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियो की नियुक्ति सरकार के एक माह से अधिक होने के बाद भी नहीं हो सकी है। संघ को जानकारी देने के बाद कांग्रेस शासन में मंत्रियों के ओएसडी के बारे में राय शुमारी का ये नतीजा निकला कि अधिकांश को सुदूर बस्तर के जिलों में बतौर ए सजा भेजा गया है। इनमे से एक ओएसडी नई सरकार में मंत्री बने विधायक के यहां। बीस करोड़ रुपया सालाना का आफर देने गया था, मंत्री द्वारा इसकी सूचना संघ को देने पर बीजापुर का रास्ता दिखाया गया है.

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