आज की ताजा खबर ये है कि मार्कफेड के प्रबंध संचालक। मनोज सोनी को ईडी ने हिरासत में लेने के बाद पांच दिन के रिमांड पर ले लिया है, मनोज सोनी भारतीय संचार सेवा सर्विस(शराब घोटाले के प्रबंध संचालक अरुण पति त्रिपाठी भी इसी सेवा संवर्ग से ताल्लुक रखते है,संयोग ये भी है अरुण पति त्रिपाठी भी ईडी के घेरे में है) से पांच साल की प्रतिनियुक्ति में छत्तीसगढ़ आए थे,रास आ गया था यहां का सरकारी ढर्रा,।खाद्य विभाग में उप सचिव बने और प्रति नियुक्ति खत्म होने के बाद भी वापस नहीं गए। चले जाते तो शायद आज जो हालत हुई है वो नही होती ।मुंह में गांधी के गुलाबी, हरे का खून लग गया था।
कांग्रेस सरकार आई तो पहले दिन से ही लूटो लूटो और लूटो की नीति काम करने लगी। अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया का सिंडिकेट ऐसा काम करने लगा कि धन बरसने लगा। बरसाने वाले मिलने लगे । अनिल टुटेजा का एक शागिर्द है -रोशन चंद्राकर, धमतरी जिले का राइस मिलर्स है, कांग्रेस के जमाने में बनी छत्तीसगढ़ राइस मिल का पदाधिकारी भी था। रोशन चंद्राकर ने ही मनोज सोनी को टुटेजा खेमे में ले गया। इन लोगो ने मिलकर राइस मिलों वालो से सौदे बाजी किया कि धान कुटाई के लिए पुरानी सरकार में मिल रहे प्रोत्साहन राशि को 35रूपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 120रूपये कर देते है। इसके एवज में 20रूपये क्विंटल प्रोत्साहन राशि ऊपर देना होगा।बढ़िया सौदा था।आम सहमति बन गई एक बड़े होटल में हुए मुख्यमंत्री सम्मान समारोह में।
इस योजना का फायदा ये हुआ कि सालो तक सड़ने वाला धान फुर्ती से उठने लगा और मिलर्स के साथ साथ हरियाली मार्कफेड में छाने लगी। 2020- 21 में 97 लाख मीट्रिक टन धान छत्तीसगढ़ में हुआ। पहले किरण कौशल को मार्कफेड की जिम्मेदारी दी गई। किरण कौशल के बाद मार्कफेड का जिम्मा माइनिंग के एम डी रहे समीर विश्नोई को दिया गया था शर्त यही थी कि 20 रूपये क्विंटल सकेलना होगा। इससे पहले समीर विश्नोई खेल शुरू करते ,ईडी के गिरफ्त में आ गए। पिछले उन्नीस महीने से सेंट्रल जेल में दो किश्तों में मजा और सजा भुगत रहे है।
रोशन चंद्राकर ने अनिल टुटेजा से मनोज सोनी को मिलवा कर इस बात के लिए राजी कर लिया कि मनोज सोनी, पूरी जिम्मेदारी से 20रुपए क्विंटल राशि इकट्ठा करेंगे। समझोते में 15फीसदी राशि का कट मनोज सोनी को मिलना तय हुआ। ये 15फीसदी का कट अनवर ढेबर को शराब और सूर्यकांत तिवारी को कोयला घोटाले में भी मिलता था।
मार्कफेड का घोटाला सामने नहीं आता क्योंकि इस मामले में सभी पक्ष को मजा था। राइस मिलर्स को तीन गुना राशि मिल रही थी। बीस रुपए क्विंटल देने में कोई कठनाई नही थी। हर जिले के राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष को जिले के राइस मिलर्स से कूटे गए धान के एवज में पैसे वसूलने का जिम्मा दिया गया।। ये राशि जिले के डीएमओ के माध्यम से मार्कफेड के नवा रायपुर के कार्यालय में पहुंचने लगा। मनोज सोनी और अनिल टुटेजा के बीच की कड़ी रोशन चंद्राकर था। खेल बिगाड़ा रोशन चंद्राकर ने सत्ता और पैसे की गर्मी ने रोशन चंद्राकर के दिमाग को सातवे आसमान पर पहुंचा दिया।
भ्रष्ट्राचार की बिस्तर पर सोने वाला रोशन चंद्राकर ने धमतरी के भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियो की लिखित शिकायत करने सीधे केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के पास पहुंच गए। भ्रष्ट्राचार भारतीय खाद्य निगम में भी होता है। मिलर्स के बढ़े पैसे के चलते 2500 रुपए प्रति ट्रक के बदले 5000 रुपए मांग रहे थे। ताबड़तोड़ कार्यवाही भारतीय खाद्य निगम में हुई और सारे अधिकारी बदल दिए गए। रोशन चंद्रकार नायक बन गए लेकिन अगली कार्यवाही का अहसास भी नही हुआ और मार्कफेड और नान के भी एम डी बने मनोज सोनी,रोशन चंद्राकर सहित मार्कफेड के जिला अधिकारी(जैसे आबकारी में आबकारी अधिकारी और खनिज में खनिज अधिकारी सपेडे में आए) ईडी के कलम में लिखा गए है क्योंकि मनोज सोनी के यहां से कच्चा चिट्ठा मिल गया है।
मनोज सोनी एक संप्रदाय विशेष से बहुत आत्मीयता रखते है।कोंडागांव,कांकेर, में बहुत सी राशि वही जमा है। रायपुर जिले के राइस मिल एसोसिएशन का अध्यक्ष भी संप्रदाय विशेष से ताल्लुक रखता है। इसी अध्यक्ष का बड़ा भाई पुरानी सरकार के कद्दावर मंत्री का समधी है ।इस मंत्री को भाजपा के विजय शर्मा ने रिकार्ड मतों से हराया है। ईडी के घेरे में अगला व्यक्ति रायपुर जिला राइस मिल एसोसियेशन का अध्यक्ष के अलावा प्रदेश राइस मिल एसोसियेशन का अध्यक्ष रूंगटा और बिलासपुर, जांजगीर, रायगढ़, दुर्ग जिले के पदाधिकारी और राइस मिलर्स को ईडी उठाने की तैयारी में है।