वॉशिंगटन: अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की निदेशक किंबरले चीटल ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. एक दिन पहले ही 22 जुलाई को उन्होंने सांसदों के सामने स्वीकार किया था कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का प्रयास, 1981 में तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन को गोली मारे जाने की घटना के बाद से ‘सबसे गंभीर’ सुरक्षा चूक है.
चीटल ने ट्रंप की हत्या के प्रयास को लेकर सदन की निगरानी व जवाबदेही समिति के समक्ष अपनी पेशी के दौरान यह बात स्वीकार की, जिसमें शामिल दो भारतीय अमेरिकी सांसदों राजा कृष्णमूर्ति और रो खन्ना समेत विभिन्न संसद सदस्यों ने उनसे सवाल पूछे. चीटल ने कहा कि उनकी एजेंसी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा के अपने मिशन में नाकाम रही.
चीटल ने ट्रंप पर हुए हमले को दशकों में सीक्रेट सर्विस की ‘सबसे बड़ी सुरक्षा विफलता’ करार दिया. चीटल ने माना कि ट्रंप पर हुई गोलीबारी से पहले एजेंसी को दो से पांच बार पूर्व राष्ट्रपति की रैली में संदिग्ध व्यक्ति के होने के बारे में बताया गया था. उन्होंने कहा कि वह पेनसिल्वेनिया रैली में हुई सुरक्षा संबंधी विफलता के लिए ‘पूरी जिम्मेदारी’ लेती हैं. चीटल ने कहा, ‘सीक्रेट सर्विस का मिशन हमारे देश के नेताओं की सुरक्षा करना है। 13 जुलाई को हम असफल रहे.’ चीटल ने कहा कि हमलावर ने जिस छत से गोली चलाई, उसे ट्रंप की रैली से कुछ दिन पहले संवेदनशील स्थान के तौर पर चिह्नित किया गया था.
गौरतलब है कि पेनसिल्वेनिया में 13 जुलाई को एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप (78) पर एक बंदूकधारी ने कई गोलियां चलाई थीं. इस हमले में एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूकर निकल गई थी, जबकि रैली में शामिल एक व्यक्ति मारा गया था और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. खुफिया सेवा के एक सदस्य ने हमलावर को घटनास्थल पर ही मार गिराया था.