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Russia Ukraine War: 7 दिन में साल भर का हिसाब… यूक्रेन ने रूस को दिन में दिखाए तारे, मचाई ऐसी खलबली कि टेंशन में आ गए पुतिन

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग में पुतिन अब तक फ्रंट सीट पर थे. यूक्रेन पर रूस ताबड़तोड़ हमला कर रहा था. रूस के सामने यूक्रेन पानी भरता नजर आ रहा था. मगर अब बाजी पलट गई है. अब रूस बैकफुट पर है. यूक्रेन फ्रंट सीट से चढ़ाई कर रहा है. यूक्रेन ने जंग को अब दिलचस्प मोड़ पर ला दिया है. अब तक डरा और सहमा यूक्रेन अब रूस को आंखे दिखाने लगा है. न केवल आंखे दिखा रहा है, बल्कि रूस की सरजमीं पर अंगद के पांव की तरह पैर जमा रहा है. वह अब लगातार रूस की धरती से ही पुतिन के सैनिकों और खदेड़ रहा है. जी हां, यूक्रेन अब रूस की जमीन को हथियाने लगा है. यूक्रेन के इस कदम से पुतिन की टेंशन बढ़ती जा रही है.

दरअसल, यूक्रेन ने एक हफ्ते में रूस की उतनी जमीन हथिया ली है, जितनी पुतिन को हथियाने में एक साल लग गए. खुद जेलेंस्की ने यह दावा किया है. जेलेंस्की ने इस बात की पुष्टि की है कि यूक्रेनी सेना अब रूस के कुर्स्क इलाके के अंदर घुसकर हमला कर रही है. जी हां, पिछले एक सप्ताह यानी 6 अगस्त से यूक्रेन रूस के घर में घुस कर हमला कर रहा है. यूक्रेनी सेना आक्रमकारियों यानी पुतिन के क्षेत्र में युद्ध को आगे बढ़ा रही है. खुद रूस ने भी माना था कि करीब 1 हजार यूक्रेनी सैनिक टैंक और बख्तरबंद वाहनों के साथ कुर्स्क क्षेत्र में घुसे. यूक्रेन के इस कदम से यह बात अब साफ होती जा रही है कि पुतिन का मौजूदा स्थिति पर मजबूत कंट्रोल नहीं है.

अब रूस पर चढ़ाई कर रहा यूक्रेन
यूक्रेनी सैनिकों का रूस के इलाकों में लगातार घुसपैठ जारी है. यूक्रेन के इस कदम से रूसी सेना में हड़कंप मच चुका है. यूक्रेनी सेना लगातार आगे की ओर बढ़ रही है. इसकी वजह से हजारों रूसियों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है. यहां दिलचस्प बात है कि यूक्रेनी सेना की यह घुसपैठ द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार किसी विदेशी सेना का रूसी क्षेत्र में प्रवेश है. यूक्रेन का यह कदम रूस और पुतिन के लिए बहुत बड़ी शर्मिंदगी की बात है. हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सरजमीं से दुश्मन को बाहर निकालने की कसम खाई है, मगर रूसी सैनिक अभी तक यूक्रेनी सैनिकों को आगे बढ़ने को नहीं रोक पाए हैं.

यूक्रेन ने मचाई खलबली
दरअसल, पूरी दुनिया में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब पिछले मंगलवार की देर रात यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में प्रवेश किया. यह क्षेत्र यूक्रेनी सीमा के ठीक उत्तर में है. यूक्रेन की यह घुसपैठ कीव (यूक्रेन की राजधानी) की रणनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत है. अब तक यूक्रेनी सेना ड्रोन और मिसाइलों से रूस के अंदर के ठिकानों पर हमले करती रही है. मगर अब रूस के घर में घुसकर हमले कर रही है. इससे पहले यूक्रेन ने कभी भी आधिकारिक तौर पर रूस में जमीनी घुसपैठ नहीं की थी.

यूक्रेन ने रूस की कितनी जमीन हथियाई?
बीते दिनों यूक्रेन ने दावा किया कि उसकी सेना ने रूस के करीब 1,000 वर्ग किलोमीटर (386 वर्ग मील) क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है. इस कब्जे को आकार के लिहाज से देखें तो यह उस यूक्रेनी जमीन के बराबर है, जिस पर इस साल अब तक रूस ने कब्जा किया है. अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर के अनुसार, रूस ने अब तक यूक्रेन के 1,175 वर्ग किलोमीटर (453 वर्ग मील) क्षेत्र पर कब्जा किया है. फिर भी, यह क्षेत्र रूस द्वारा 2014 में संघर्ष शुरू होने के बाद से ली गई 100,000 वर्ग किलोमीटर या यूक्रेन के कुल क्षेत्रफल के 18% से कम है.

यूक्रेन ने अचानक गियर क्यों बदला?
अब सवाल उठता है कि आखिर यूक्रेन ने अचानक गियर क्यों बदला है? यूक्रेन के इस हमले का मकसद अभी तक एक रहस्य बना हुआ है. पुतिन को जेलेंस्की की यह चेतावनी है या कुछ और बड़ा करने का प्लान है, यह अब भी समझ से परे है. हालांकि, माना जा रहा है कि यूक्रेन इसके जरिए कई मकसद पूरे करना चाहता है. पहला- जंग में अपनी पकड़ मजबूत करना और अपने सैनिकों का हौसला बढ़ाना. दूसरा- रूस का ध्यान भटकाना और पुतिन को पूरी दुनिया में नीचा दिखाना. यूक्रेन इस कदम से पुतिन पर दबाव बनाना चाहता है. यूक्रेन चाहता है कि पुतिन इससे डरकर शांति के लिए मजबूर हो जाए और यूक्रेन की जमीन वापस कर दे.

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