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रायपुर दक्षिण का जीतने वाला प्रत्याशी कौन होगा?

रायपुर दक्षिण का जीतने वाला प्रत्याशी कौन होगा?
ज्यादा महीने नहीं हुए है रायपुर दक्षिण का विधान सभा चुनाव हुए। प्रदेश में इस विधान सभा सीट से सर्वाधिक मतों से जीतने का कीर्तिमान बृज मोहन अग्रवाल ने बनाया था। अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़ के नब्बे विधान सभा सीट से कोई भी प्रत्याशी इतने अधिक मतों से नहीं जीता है।

राज्य में अगर सरकार भाजपा की नहीं बनती तो कोई बात नहीं होती लेकिन सरकार बन गई तो दिल्ली को वहम हो गया कि वे लोकसभा चुनाव में 400पार हो रहे है। छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के दरम्यान एक खेल चला।प्रदेश के सर्वाधिक कद्दावर नेता को केंद्र में भेज कर निरंकुश सत्ता संचालन दिल्ली से ही किया जाए।
हुआ भी ऐसा कि बृज मोहन अग्रवाल को रायपुर लोक सभा चुनाव में प्रत्याशी बना ही दिया गया। ये एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी जो राजनीति में प्रवेश किया था उसके दिल्ली में पहुंच का नतीजा था।

ये बात अलग है कि राजनीति के धुरो ने छः महीने के भीतर ही पर कतर के रख दिया। लोकसभा चुनाव में भाजपा 400पार की बात दूर लिए दिए में 240पर अटक गई। शुक्र मनाए की नीतीश कुमार और चंद्रा बाबू नायडू ने एक एक तरफ से बैसाखी पकड़ा दी लेकिन ये तो मानना पड़ेगा कि एकाधिकार या दोधिकार सत्ता संचालन तेल ले लिया।केंद्र में कमजोर होने से छत्तीसगढ़ राज्य में भी असर हुआ और एकाएक एक घर में बढ़ते कट आउट और लोगों की भीड़ गायब हो गई।

रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव की घोषणा हो चुकी है।दो ही पार्टी है जिनके बीच के प्रत्याशी के बीच हार जीत का फैसला होना है।ऐसा माना जाता है कि उप चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को विपक्षी पार्टी के बनिस्पत फायदा रहता है फिर बृजमोहन की सीट है तो भाजपा जीतेगी और कांग्रेस हारेगी,ये तय सा है।

भाजपा से कौन उम्मीदवार बनेगा ये कयास लगाने का विषय है। ये विष्णु देव साय सरकार का पहला इम्तिहान भी है,जिसमें सफल होना भी जरूरी है। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय संगठन बृज मोहन अग्रवाल की हैसियत को जानता है। छत्तीसगढ़ में डा रमन सिंह के बाद बृज मोहन अग्रवाल ही दूसरे ऐसे भाजपाई है जिनकी दखल सभी 90सीटों पर है।समूचा छत्तीसगढ़ उन्हें मोहन मानता है। उनकी पसंदगी पर जाहिर तौर पर मुहर लगेगी ये भी तय है। उनके नजदीकी में रायपुर लोकसभा के पूर्व संसद सुनील सोनी,जो रायपुर के महापौर भी रह चुके है,का नाम प्रमुखता से है।

भाजपा सामान्य जाति के बजाय पिछड़ा वर्ग को प्रमुखता दे रही है इस कारण अगर सब कुछ सही रहा तो सुनील सोनी ही आगे है।रायपुर दक्षिण में एक मोहल्ला ब्राह्मणों का है ,उनकी मांग तो नहीं इच्छा कहना चाहिए कि कम से कम इस बार विप्र को मौका देना चाहिए।इस मामले में चार ब्राह्मण नाम है पहला बृज मोहन अग्रवाल के निज सचिव मनोज शुक्ला है,दूसरा प्रत्याशी नगर निगम रायपुर में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे और तीसरा मृत्युंजय दुबे है चौथे सुभाष तिवारी है। इनके अलावा जिनके नामों की चर्चा है उनमें संजय श्रीवास्तव,केदार गुप्ता, नंदन जैन भी है। चूंकि रायपुर दक्षिण में दाऊ अग्रवालों का मोहल्ला पुरानी बस्ती भी है इसलिए कोई अग्रवाल आगे आ जाए तो बड़ी बात नहीं होगी।

कांग्रेस के पास केवल हारने वाला प्रत्याशी खोजना है इसके लिए पिछली बार हारे कन्हैया अग्रवाल है जो चाहते है लेकिन बाबा का ठप्पा लगने के बाद भूपेश बघेल ये काम होने नहीं देंगे। रायपुर नगर निगम के महापौर भी दक्षिण में 22हजार मुस्लिम मतदाताओं के भरोसे चुनाव लड़ना चाहते है लेकिन ढेबर परिवार पर कलंक इतने है कि कांग्रेस दाव नहीं लगाएगी। राजीव वोरा सीधे कांग्रेस सुप्रीमों मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलकर यहां से प्रत्याशी बनने का दावेदारी पेश कर आए है। ऐसे में कांग्रेस चाहेगी कि भाजपा पहले प्रत्याशी घोषित कर दे उसके बाद निर्णय लेगी। ये तो तय है कि भाजपा जीत के राह पर है, देखना ये है कि भाजपा प्रत्याशी कितने मतों के अंतर से जीतेगा। ये भी तय है बृज मोहन अग्रवाल के रिकॉर्ड से बहुत पीछे के अंतर से जीत होगी।

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