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फरार आलोक शुक्ला

छत्तीसगढ़ में बहुत कम आईएएस अधिकारी रहे है जिनके ऊपर घोटाले का आरोप लगा इसके बावजूद वे सत्ता पलट होने पर नई सत्ता की गोदी में बैठकर राजयोग भोगा। नई सत्ता को लाभ दिलाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए,घोटाला किए, अब कई आईएएस अधिकारी जेल के भीतर कच्ची रोटी, पनियल दाल सब्जी सहित चाशनी चाय पी रहे है।रविवार को प्रोटीन और शुगर के लिए चना गुड खा रहे है। सुबह पांच बजे उठ कर भारतीय पद्धति के कमोड में हग रहे है।प्रार्थना कर रहे है -हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करे। ऐसे आई ए एस अधिकारियों के नाम है अनिल टुटेजा,रानू साहू,समीर विश्नोई, दो नाम विशेष है जो संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा से चयनित हुए संयुक्त सेवा के अधिकारी है मनोज सोनी और अरुणपति त्रिपाठी ये भी सुबह आठ बजे बैरक में भेज दिए जाते है, दस बजे ढीले जाते है,बारह बजे फिर धांध दिए जाते है।शाम चार से छह बजे तक चक्कर में घूमते है फिर बैरक के अंदर।

शाम छः बजे से दस बजे रात दक्षिण की फिल्मे देखना,इस दिनचर्या में सालो गुजर रहे है। एक महा भ्रष्ट आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला इस असुविधा भरी जिंदगी से अब तक बचते जा रहा था आज इसकी भी नियति तय हो गई है। अपने पक्ष में अग्रिम जमानत कराने वाले आलोक शुक्ला नया साल जेल में मनाएगा, ये तय है क्योंकि ईओडब्ल्यू और एसीबी ने नई एफआईआर दर्ज कर लिया है। आलोक शुक्ला ने, डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में नागरिक आपूर्ति निगम में अनिल टुटेजा के साथ मिलकर करोड़ो रुपए का भ्रष्ट्राचार किया था। दिल्ली में सात करोड़ का मकान बनाया था।नान में गलत तरीके से अकूत संपत्ति बनाने वाला ये अधिकारी भूपेश बघेल की सरकार में अभयदान पा घी पीते रहा।

अपनी पत्नी को बोर्ड का अध्यक्ष बनवाया, किल्लोल नाम की किताब के लिए करोड़ो रुपए सकेले। विष्णु देव साय की सरकार आई, बर्खास्त करने वाली थी, तो त्यागपत्र देकर दानी बने थे आलोक शुक्ला। ईमानदार बनने का ढोंग करने वाला आलोक शुक्ला 2013से खाद्य विभाग में कमीशनबाजी का खेल खेल कर भ्रष्टाचार कर रहा था।इसमें फंसने पर डा रमन सिंह की पत्नी का नाम लेकर खुद को बचाने का षडयंत्र किया। गिरफ्तार न हो जाए करके उच्च न्यायालय के एक जज को तत्कालीन महाधिवक्ता के जरिए सेटिंग किया और भूपेश सरकार में मलाईदार विभाग में बैठकर घोटाले करवाता रहा। आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने नान में घटिया चांवल बनवा कर प्रदेश की गरीब जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया। न जाने कितने हजार लोग कुपोषित होकर समय से पहले मर गए।

आलोक शुक्ला पेशे से डॉक्टर था लेकिन मस्तिष्क से आपराधिक प्रवृति का था। इसने अपने छोटे भाई की पत्नी की हत्या का षडयंत्र भी रचा था। चूंकि आइएइस था इस कारण न्यायालय को खरीदने का आदत पुरानी थी। ज्ञात हुआ है कि फरार है। कितने दिन भागोगे आलोक, अंधेरे से उजाले में लाए जाओगे।जेल तुम्हारा इंतजार कर रहा है।कच्ची रोटी, पनियाल दाल,सब्जी, मोटा घटिया चांवल,जो तुमने सालो छत्तीसगढ़ के गरीबों को खिलाया था,खाना

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