कांग्रेस पार्टी के चुनाव हारने के बाद अब बेटिकट हुए विधायकों ने उस राज से पर्दा उठाना शुरू कर दिया है, जो अब तक ढका हुआ था। सरगुजा से लेकर पूरे प्रदेश में हर कोई विद्रोह के मुड़ मे आ गए हैं। अब उन सभी करतूतों पर्दा उठने लगा है। एआईसीसी का सर्वे रोकने से लेकर अन्य मामलों को अब सार्वजनिक किए जाने के बाद कांग्रेस के कर्ता-धर्ता लोगों की घिग्घी बंध गई है। छत्तीसगढ़ को एटीएम मानकर चल रहे प्रदेश कांग्रेस के बाहरी लोगों की कहानी भी सार्वजनिक होने लगी है। सुनने में आया है कि अब इनके पीछे आईटी भी अपना कर वसूलने नोटिस जारी करने वाली है। 7 लाख नगद देने वाले का लेनदेन खंगाला जा रहा है।
कभी बाबा को धमकाने वाले उस सख्य ने तो साफ तौर पर कह दिया कि यहां पर लोग पर्यटन मनाने आते थे। लोग गाडियों में घुमाने में लगे थे। यहां तक मुखिया पर भी आरोप लग रहा है कि उनके मंत्री नख विहिन थे। उन्हें काम करने की आजादी नहीं थी। यहां तक कहा गया कि हमारी पूरी फाइलें वहीं देखते थे। अपने ही विभाग का आदेश हमे दो दिन बाद देखने काे मिलता था। कुछ लोगों ने तो टिकट कटने के बाद ही रास्ता बदल लिया। हालांकि वे सफल नहीं हो पाए, लेकिन ऐसा कील ठोंक दिया है कि उफ भी नहीं कर पा रहे हैं। आने वाले समय में इनके कुनबे से कितने लोग छोड़कर जाएंगे इसका अंदाज लगाना मुश्किल हैं। वन मैन शो का अंत होने के बाद अब वे चाहते हैं कि राजनीति के इस दौर को अब नहीं दोहराया जाना चाहिए। खैर चोंट लगने के बाद मरहम लगाना जरूरी होता है, तो अपने पीछे पहले ही मलने लगे हैं।
जिन्हें फूटी आंख देखना नहीं चाहते थे उन्हें ही गले लगाने लगे हैं। कांग्रेस में 22 लोगों का पर्दा बदला था, लेकिन जनता ने पूरे प्रदेश का ही मुख्य पर्दा बदल कर नया पर्दा लगा दिया है। जिन लोगों को बेपर्दा किया गया वो अपने घर का हाल चाल बताने में लगे हैं । फिल्म अमर अकबर एन्थोनी में अमिताभ ने भी इसी ओर इशारा करते हुए बेहतरीन बोल दिए थे। पर्दा है पर्दा, पर्दे के पीछे, पर्दा नशीं है पर्दा नशीं को बे-पर्दा न कर दूँ तो अक़बर मेरा नाम नहीं है….।