कांग्रेस शासनकाल में अनिल टुटेजा,सौम्या चौरसिया सूर्यकांत तिवारी की तिकड़ी का मोहरा बनना आई ए एस रानू साहू को दिन ब दिन भारी पड़ रहा है।केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के अलावा राज्य सरकार की जांच एजेंसी ए सी बी और ईओडबल्यू ने कोयला घोटाले मामले में तीन केस दर्ज किया हुआ है अब डी एम एफ घोटाले में भी धर पकड़ हो गई है। आसमान से गिरे और फिर आसमान में अटक गई रानू साहू।
रानू साहू को कम समय में अधिक कमाने की लत लगाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय के दो सरकारी नुमाइंदे थे जिन्हें डकैती करवाने का ठेका मिला था।जिस विभाग से आराम दो पांच रुपए बिना मेहनत के मिलते थे वहां से पच्चीस पचास रुपए लूटने की एक से एक योजना बनने लगी। कभी रायपुर तो कभी बंगलुरु, कभी ऋषिकेश तो कभी दुबई के होटलों में होटल के लेटर पैड में योजनाएं समझाई गई।
आई ए एस अफसरों को टेंडर समझाया गया कि कैसे पैसे सकेले जाएंगे।पूर्व मुख्यमंत्री की सुपर सीएम ने रानू साहू को चुना और मोहतरमा कोरबा पहुंच गई। एक आई ए एस समीर विश्नोई ने ऑफ लाइन कोयला परिवहन का खेल शुरू किया। कोरबा के स्थानीय मंत्री को धता बता कर रानू साहू ने कोयला के परिवहन में 25 रुपए टन से उगाही करवाने में मुख्य सूत्रधार थी। खूब छापे पड़े। गांव गांव में जमीन मिली जिसका कोई हिसाब नहीं है। भाई , उसेन बोल्ट बनकर दौड़ लगाते हुए पकड़ा गया। बताया जाता है महासमुंद, गरियाबंद और रायपुर के अभनपुर तहसील में करोड़ो रुपए की जमीन खरीदी की गई थी।इस मामले में रानू साहू गिरफ्तार होकर एक साल से रायपुर महिला जेल में रह रही है।
एक और घोटाला की रानू साहू की आरोपी बन गई है।डीएमएफ घोटाला।डीएमएफ एक ऐसी राशि है जिसे ऐसे खनिज प्रधान जिले के द्वारा प्रभावितों के कल्याण के लिए खर्च किया जाता है। इस प्रकार की राशि का घोटाला कांग्रेस शासनकाल में लगभग हर जिले में हुआ है।यदि विष्णु देव साय कमर कस ले तो कम से कम दस आई ए एस अफसर रानू साहू के समान जेल में रहेंगे।
डीएमएफ राशि को संबंधित जिले में प्रभावितों के हित में खर्चा करने के लिए जितने भी टेंडर निकाले उसमें भारी पैमाने पर घोटाला किया गया। महिला बाल विकास ,अनुसूचित जाति जनजाति विकास विभाग को मुख्य रूप से घोटाले के लिए चयनित किया गया। इन्हीं विभागों ने जमकर घोटाला कर शासकीय राशि का गबन किया और भ्रष्ट्राचार किया है। कोरबा की उपायुक्त स्तर की महिला अधिकारी वॉरियर को ईडी ने हाल ही में गिरफ्तार किया है।
सूत्रों के अनुसार एक अधिकारी जो डीएमएफ राशि घोटाले में रडार पर है वह दीन दयाल उपाध्याय नगर में एक मंदिर के पास सोने की सिल्ली बचाने के लिए धार्मिक अनुष्ठान करवा रहा है। ईडी ने इस अधिकारी के ज्ञात घरों में छापा डाला है लेकिन तीन मकान अज्ञात है। रानू साहू ने कोरबा में पूरा गैंग बना रखा था जिनके सहारे भ्रष्ट्राचार को अंजाम दे रही थी। रानू साहू इतनी होशियार और शातिर अधिकारी है जिसने खुद के कोरबा से रायगढ़ ट्रांसफर के साथ साथ साथी अधिकारियों को भी सौम्या चौरसिया से कह कर हटवा दिया था। एक ब्राह्मण अधिकारी का नाम बड़ी प्रमुखता से लिया जा रहा है