खाद्य विभाग के अधिकारियों और राशन दुकानों के हड़ताल खत्म होने के बाद नए विवाद के चलते खाद्य संचालनालय के अधिकारियों ने मैदानी अमले को फसाने के लिए नई चाल चली है।इसका मैदानी अमला विरोध कर रहा है। संचालनालय के सूत्रों के अनुसार हिंदुओ के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली के समय गरीब लोगो को राशन न देने और पुराने घोटाले को दबाने के लिए बड़ा षड्यंत्र रचा गया है।
2023 में भूतपूर्व मुख्य मंत्री डा रमन सिंह 600करोड़ रुपए का राशन बचत घोटाला उजागर किया था। इस घोटाले के दस्तावेज के रूप में ,तेरह हजार राशन दुकानों का घोषणा पत्र गायब करा दिया गया है।संचालनालय के एक अधिकारी की भूमिका इसमें महत्वपूर्ण बताई गई है। मैदानी अमले के सूत्रों ने बताया संचालनालय के अधिकारी ने राशन दुकानों के घोषणा पत्र भरवाने का फरमान निकाला है। आश्चर्य की बात ये है कि किस राशन दुकान में कितना चांवल बचा है इसकी जानकारी मैदानी अमले को नही है। पुराने घोषणा पत्र के अनुसार और खाद्य विभाग के द्वारा जारी आर आर सी के अनुसार राशन दुकानों में बचत की मात्रा लाखो क्विंटल है।
विधान सभा की जांच समिति 219करोड़ रु के राशन घोटाले की जांच कर रहा है।इसमें भी गलत जानकारी देने के लिए मैदानी अमले से ये पूछा गया है कि जिले एम घोषणा पत्र जमा हुआ है उसकी प्रति मांगी गई है। सच तो ये है कि खाद्य निरीक्षको का माड्यूल सीधे संचालनालय के एन आई सी से जुड़ा है। सारी जानकारी हर महीने इकट्ठी होती थी। इसे गायब कर खाद्य संचालनालय का अपर संचालक अपने को बचाने के लिए मैदानी अमले को फसाने की कोशिश कर रहा है। खाद्य विभाग के निरीक्षकों ने पुष्टि करने से इंकार कर दिया है।इसके चलते अनेक खाद्य निरीक्षको के विरुद्ध कार्यवाही करने की खबर है