अंग्रेजो ने ए टू जेड की वर्णमाला बनाई है।हमारे देश में बड़े शब्दों का लघुकरण करने की परंपरा है। इंफोर्स डिपार्टमेंट को ईडी कहते है।कॉम्पैक्ट डिस्क को सीडी कहते है। इन दोनो शब्दों का छत्तीसगढ़ की कांग्रेस राजनीति से गहरा सरोकार है। सत्ता में नहीं थे तो भाजपा के नेताओं को बदनाम करने के लिए टुच्ची हरकते किया करते थे। सत्ता में आए तो लूटमार एजेंसी खोल लिए।
जो व्यक्ति सत्ता में न होने की स्थिति में फर्जी सीडी बनाकर जग बटाई का ठेका लिया था वो सत्ता में सलाहकार बन गया। पांच साल सत्ता में रहकर महादेव सट्टा के बैक कर्टेन सलाहकार भी रहे। खुद को बचाने के लिए ए एस आई रख लिए थे। बंदा सालभर से जेल दाखिल है। सलाहकार के यहां छापे में माल ओ ऑफ मिला था। सत्ता में रहकर ईडी को तोता कहने वाले के रत्न भी दो साल से जेल में है। सभी ईडी के कार्यवाही के चलते सलाखों के पीछे से रहनुमा को कोस रहे है।यही रहनुमा सीडी वितरण का काम सम्हाले थे। इनकी हरकतों के चलते एक व्यक्ति आत्महत्या कर चुका है।
भाजपा के एक पूर्व मंत्री की चरित्र हत्या करने के लिए असफल कोशिश हुई थी।एक टीवी चैनल को पक्ष में कर लिया गया था लेकिन दांव उल्टा पड़ गया। टीवी वाला ही पलटी मार भेद खोल दिया। घर से उठाकर लाया गया था। बाद में दूसरे को भी भेजा गया।जमानत न लेने के एवज में नायक बनना चाहते थे। बन भी गए लेकिन घोटालों की सरकार को जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
नई खबर ये है कि सीडी कांड की सुनवाई जिला कोर्ट में होने वाली है। पिछली सरकार के मुख्य सह अभियुक्त है, मुख्य अभियुक्त पुराने सलाहकार है।ये पहला मामला होगा जिसमें पिछले सरकार के दो लोगों के पद का प्रोटोकॉल बदल गया है। दोनो जमानत पर है लेकिन कोर्ट में सुनवाई के समय कटघरे में खड़ा होना होगा या बीमारी का बहाना बनाकर पेशी बढवानी पड़ेगी। कचहरी में दूसरों को फर्जी मामले में फंसाने वाले असली मामले में फर्जी सीडी कांड में फंस रहे है।ए बी सी डी जोड़ी ईडी से नैना जोड़ो, आई शाम सुहानी,राजा कका