हाल ही में महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कड़े तेवर दिखलाते हुई विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले कर वर्षों से जमे अधिकारियों को हटाकर सुशासन का संदेश दिया है । इन तबादलों में एक तबादला विभाग के सर्वाधिक विवादित अफसर रामजतन कुशवाहा का संचालनालय से बिलासपुर प्रशिक्षण केंद्र किया गया है । तबादला आदेश देर शाम को 29 नवम्बर को जारी हुए । आदेश जारी होते ही रामजतन कुशवाहा ने अपने मातहतों को फरमान जारी कर दिया कि शनिवार और रविवार छुट्टी के दिन दफ्तर खुलेगा और सभी को आना है । महिला अधिकारियों को भी चक्रवाती ठंड में बुलाकर कुशवाहा ने शनिवार देर शाम तक बैठाया और रविवार को भी अपना दरबार लगाकर बैठे हैं।
क्यों बैठे हैं ट्रांसफर के बाद भी
सूत्रों की माने तो कुशवाहा पिछले 4 साल से स्थापना शाखा स्वतंत्र रूप से देख रहे हैं । संचालनालय में 5 संयुक्त संचालक होने के बाद भी इन्होंने सीधे संचालक को नस्ती प्रस्तुत करने के आदेश जारी करवा रखे हैं । इसी के चलते बताया जाता है कि ये मनमर्जी से नस्ती कराते समय कुछ कागज़ गायब कर देते थे । पता चला है कि उन्हीं कागजो को दबाने या ठिकाने लगाने के चक्कर में ये दफ्तर का दरबार सजा कर बैठे हैं । एक और मामला ये भी बताया जा रहा है कि ये अपने दुश्मनों की जांच करवाकर उन्हें ठिकाने लगाने में माहिर हैं और पिछले दो दिनों की छुट्टी में ऐसे कुछ आरोप पत्र तैयार करवाये जा रहे हैं। स्थिति चाहे जो भी हो स्थानंतरित अधिकारी का छुट्टी के दिन कार्यालय में बैठना भारी सन्देहों को जन्म देता है।